
चेन्नई. तमिलनाडु डा. एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी ने सार्स-कोव-२ कोरोना वायरस का असरकारी वैक्सीन कैंडिडेट खोजने की घोषणा की है।
विवि की कुलपति डा. सुधा शेषय्यन ने कहा कि प्रतिरक्षा विज्ञान विभाग (इम्युनोलॉजी) की टीम और वरिष्ठ प्रोफेसरों की पिछले तीन सप्ताह की मेहनत रंग लाई है। इस टीम ने संश्लेषित पॉलिपेप्टाइड का पता लगाया है जो वायरस को मानवीय कोशिकाओं में प्रवेश से रोकता है।
उन्होंने बताया कि प्रोटीन विज्ञान में संश्लेषित पॉलिपेप्टाइड बहुत महत्वपूर्ण होते हैं जो कुछ निश्चित अमीनो अम्ल की शृंखला को उत्सर्जित करते हैं जिनसे प्रोटीन तैयार होता है। ये घटक वायरल जीन के एपिटोप को बांधे रखते हैं। इसका आशय यह है शरीर में उत्सर्जित एंटीजेन (प्रतिजन) के लिए ये घटक सुरक्षा कवच बन जाते हैं। फिलहाल ये तथ्य कृत्रिम प्रयोगों पर आधारित हैं।
रिवर्स वैक्सीनोलॉजी
वीसी ने बताया कि प्रतिरक्षा विभाग की डा. तमन्ना, प्रोफेसर डा. सी. पुष्पकला व डा. श्रीनिवासन की टीम रिवर्स वैक्सीनोलॉजी पर काम कर रही है। एंटीजेन खोजने की प्रक्रिया जीनोम सूचनाओं से शुरू होती है और अब हम प्रयोगशालाओं में परीक्षण चालू करेेंगे। लैब परीक्षण में अभी कुछ और हफ्ते लगेंगे। उसके बाद पशुओं पर इसका अध्ययन तथा फिर क्लिनिकल ट्रायल शुरू होगा।
डा. सुधा शेषय्यन ने स्पष्ट कर दिया कि टीके के व्यावसायिक उत्पादन के लम्बे सफर का पहला चरण हमने पार किया है। कम से कम संभावित टीका तैयार होने में एक साल का समय अवश्य लगेगा।
Updated on:
23 Apr 2020 08:48 pm
Published on:
23 Apr 2020 07:57 pm
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