
दसवीं बोर्ड परीक्षा आयोजन को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा विस्तृत जवाब
चेन्नई. सरकार ने मध्य जून में दसवीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित कराने की घोषणा की है। मद्रास उच्च न्यायालय ने स्कूल शिक्षा विभाग से इस परीक्षा के आयोजन की तैयारियोंं की यथास्थिति सहित विस्तार से जवाब मांगा है कि उसकी क्या कार्ययोजना है?
न्यायाधीश एम. सत्यनारायणन और जस्टिस अनिता सुमंत की न्यायिक पीठ ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को इस संबंध में नोटिस जारी किया। यह निर्देश शिक्षाविद् डा. वी. वसंती देवी की याचिका पर जारी किए गए हैं। अगली सुनवाई ११ जून को होगी।
बेंच के सामने वरिष्ठ अधिवक्ता वैगै ने दलील रखी कि कोविड-१९ संक्रमण की वजह से २५ मार्च से लॉक डाउन लागू किया गया। इस बीच याची ने दसवीं बोर्ड की परीक्षा आयोजित किए जाने की घोषणा सुनीं तो चौंक गईं। पहले यह परीक्षा १ जून से तथा बाद में इसे १५ जून के लिए टाल दिया गया। शहरी क्षेत्र के विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लास का फायदा मिला है लेकिन ग्रामीण और देहात के बच्चे इससे वंचित रह गए।
वकील ने कहा कि राज्य में ९.४४ लाख विद्यार्थी दसवीं बोर्ड की परीक्षा में बैठेेगे। लॉक डाउन की वजह से गरीब व निम्न आय वर्ग के बच्चे इस दौरान कमाई के वास्ते अपने अभिभावकों के साथ काम पर लग गए लिहाजा पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे सके। उनका कहना था कि लॉक डाउन हटाने संबंधी निर्णय ३१ मई को होना है और ग्रीन जोन में ही परिवहन की अनुमति है। सरकार ने जनता को दसवीं बोर्ड परीक्षा के आयोजन को लेकर तमाम जरूरी जानकारियां अभी तक उपलब्ध नहीं कराई हैं कि किस तरह परीक्षाएं होंगी? क्या उपाय किए जाएंगे? बस इस सिलसिले में शिक्षा मंत्री की एक विज्ञप्ति ही उपलब्ध है।
बेंच ने इसी मसले पर अन्य अधिवक्ताओं के भी विचार सुने तथा कहा कि शिक्षा विभाग के विशेष अधिवक्ता बताएं कि स्कूल शिक्षा मंत्री ने परीक्षा कराने को लेकर जो घोषणा की है उस संबंध में क्या प्रमापित परिचालन प्रक्रिया तय की गई है अथवा क्या मशीनरी सरकार अपनाने वाली है?
बेंच ने पूछा कि शिक्षा मंत्री के अनुसार परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ेगी तो प्रत्येक केंद्र में साफ-सफाई तथा सुरक्षा मानकों को लेकर जो व्यवस्था की जानी है उस संबंध में विस्तृत जवाब तथा स्थिति रिपोर्ट ११ जून तक पेश की जाए।
Published on:
27 May 2020 07:39 pm
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