नई पहल के मुख्य लाभ बताते हुए IIT Madras के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि ने कहा, "एमए प्रोग्राम की नई संरचना कर मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य, इंजीनियरिंग आदि विषयों में स्नातक की डिग्री प्राप्त अधिक से अधिक विद्यार्थियों के लिए इन्हें सुलभ बनाया गया है
चेन्नई. अपना विद्यार्थी बेस बढ़ाने के लिहाज से 2023-24 के अकादमिक सत्र में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आइआइटी मद्रास) मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग के तहत तीन नए एमए प्रोग्राम शुरू करेगा। पहले से मौजूद विकास अध्ययन और अंग्रेजी अध्ययन के अतिरिक्त अर्थशास्त्र को जोड़कर संस्थान एमए प्रोग्राम का दायरा बढ़ा रहा है और ये तीनों स्ट्रीम वर्तमान पांच वर्षीय एकीकृत एमए प्रोग्राम के बजाय दो साल के प्रोग्राम होंगे।
प्रत्येक स्ट्रीम में भारतीय विद्यार्थियों के लिए 25 सीटें होंगी। अतिरिक्त संख्या के आधार पर प्रोग्राम में अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों को भी प्रवेश दिया जाएगा। आवेदन प्रक्रिया मार्च-अप्रैल 2023 से शुरू होगी और कक्षाएं जुलाई 2023 में शुरू होंगी। दो वर्षीय एमए प्रोग्राम में प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिले होंगे जिसकी जल्द घोषणा की जाएगी। संस्थान को विश्वास है कि विभिन्न पृष्ठभूमि के अधिक से अधिक विद्यार्थी विभिन्न विषयों से स्नातक कर संस्थान के एमए प्रोग्राम में दाखिला लेंगे।
विद्यार्थियों को होगा फायदा
नई पहल के मुख्य लाभ बताते हुए आइआइटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि ने कहा, "एमए प्रोग्राम की नई संरचना कर मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य, इंजीनियरिंग आदि विषयों में स्नातक की डिग्री प्राप्त अधिक से अधिक विद्यार्थियों के लिए इन्हें सुलभ बनाया गया है। आधुनिक युग की विभिन्न चुनौतियों का सामना और दूर करने के लिए नई पीढिय़ों के विद्यार्थियों के लिए मानविकी और सामाजिक विज्ञान के ऐसे प्रोग्राम बहुत आवश्यक हैं। एमए प्रोग्राम की सूची लंबी होने के साथ विद्यार्थियों के प्लेसमेंट के नए द्वार खुलेंगे और उनकी रोजगार योग्यता भी बढ़ेगी क्योंकि वे खास डोमेन एक्सपर्ट के रूप में प्रशिक्षित होने के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्य के लिए तैयार होंगे और राष्ट्रीय मामलों पर भी केंद्रित होंगे।"
कोर्स के विशेष पहलू
नए प्रोग्राम के विशिष्ट पहलुओं में प्रमाण के आधार पर नीति का विश्लेषण, सामाजिक-आर्थिक विकास को आकार देने में प्रौद्योगिकी की भूमिका, डेटा विज्ञान और प्रशासन, समकालीन मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन, स्थिरता, शहरीकरण आदि का सतत अध्ययन शामिल हैं। एमए प्रोग्राम के कोर्स की पुनर्संरचना कर अधिक समकालीन विषयों जैसे नवाचार, शहरी नियोजन और विकास, स्वास्थ्य नीति, पर्यावरण मानविकी, जलवायु अर्थशास्त्र, प्रौद्योगिकी और नीति, और कम्प्यूटेशनल भाषाविज्ञान को शामिल किया जाएगा।