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आइआइटी मद्रास बना इंडियन नेशनल जेम्स डायसन अवॉर्ड 2020 का उप विजेता

नेत्रहीनों के लिए ऐसा डिवाइस विकसित किया जो उन्हें पढ़ने, लिखने व सीखने में मदद करेगा।

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आइआइटी मद्रास बना इंडियन नेशनल जेम्स डायसन अवॉर्ड 2020 का उप विजेता

आइआइटी मद्रास बना इंडियन नेशनल जेम्स डायसन अवॉर्ड 2020 का उप विजेता

चेन्नई. भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान मद्रास (आइआइटीएम) के छात्रों ने इंडियन नेशनल जेम्स डायसन अवॉर्ड 2020 में उप विजेता का खिताब अपने नाम किया है। उन्होंने नेत्रहीनों के लिए ऐसा डिवाइस विकसित किया जो उन्हें पढ़ने, लिखने व सीखने में मदद करेगा। अतिरिक्त कैमरे की मदद से वे संबंधित लोगों तक संपर्क साध सकेंगे। यह उनके स्मार्ट फोन में फिट किया जा सकेगा। डायन इंजीनियरिंग, प्रोडक्ट डिजाइन, इण्डस्ट्रीयल डिजाइन के छात्रों को ऐसा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है जो उन्हें वैश्विक स्तर पर आविष्कार के लिए मदद करता है।
जेम्स डायसन अवॉर्ड 27 देशों में चलाया जाता है। इनमें आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, बेल्जियम, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, हांगकांग, भारत, आयरलैण्ड, इटली, जापान, कोरिया, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैण्ड, न्यूजीलैण्ड, फिलिपिन्स, रूस, सिंगापुर, स्पेन, स्वीडन, स्वीट्जरलैण्ड, ताइवान, यूएई, यूके व यूएसए शामिल है।
बीस का किया अंतिम चयन
भाग लेने वाले देशों के स्वतंत्र निर्णायक मंडल ने राष्ट्रीय विजेताओं की पहचान की। इनमें से 20 आवेदकों को शॉर्टलिस्ट किया गया। एक विजेता के साथ ही दो उप विजेता घोषित किए गए।
बाजार में जगह स्थापित करने के लिए
इस दौरान प्रतिभागियों को विश्व स्तरीय बाजार में जगह स्थापित करने के लिए अवसर मुहैया करवाया जाता है। तकनीकी रूप से भी उन्हें अधिक सुदृढ़ बनाना है। इस साल के नेशनल जेम्स डायसन अवॉर्ड विजेता नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ डिजाइन अहमदाबाद के शशांक निमकर रहे। अर्थ तत्व के माध्यम से वेस्ट पदार्थ को सिसाइकिल करना बताया गया।