
Life is not possible without water
चेन्नई।पानी की एक-एक बूंद कीमती है इसलिए इसको बर्बाद नहीं करना चाहिए। पानी एक महत्वपूर्ण संसाधन है। यह पर्यावरण में संतुलन व वातावरण को स्वच्छ बनाए रखता है। पानी जीवन के लिए जरूरी है। अखिल भारतीय जांगीड़ ब्राह्मण महासभा के तमिलनाडु प्रदेशाध्यक्ष चोखाराम जांगीड़ ने यह बात कही। वे साहुकारपेट मिन्ट स्ट्रीट स्थित सनातन धर्म गल्र्स विद्यालय में राजस्थान पत्रिका के महाभियान अमृतं जलम् में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर स्कूल की बालिकाओं की जल की महत्ता बताई गई तथा जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई। जांगीड़ ने कहा जल हमारे लिए बहुत जरूरी है। हम बिना भोजन के 10 से 15 दिन रह सकते हैं लेकिन बिना जल के 2 से 3 दिन रहना भी मुश्किल होता है। जल के बिना जीवन संभव ही नहीं है। जल ही जीवन है।
जल इतना महत्वपूर्ण होने के बाद भी लोगों को जल की कीमत ज्यादा नहीं लगती। कई लोग अनावश्यक जल को बर्बाद करते हैं। आज देश के कई भागों में जल की भारी किल्लत है। जल की कमी के कारण कई जगह खेती के लिए पानी नहीं मिल रहा है। इसके कारण फसल की उपज काफी कम हो रही है।
और अनाज के दाम बढ़ रहे हैं। उन्होंने कह कि आजकल बड़े शहरों में बहुमंजिला भवन तो बन रहे हैं लेकिन बिना पानी जीवन निर्वाह नहीं किया जा सकता। एक टैंकर पानी के दाम पिछले साल की तुलना में इस साल दुगुने-तिगुने हो गए हैं।
प्राचार्य लता ने जल की महत्ता प्रतिपादित करते हुए कहा कि जल हमारे लिए बहुत जरूरी है। जल की महत्ता के जागरूकता लाने की जरूरत है। राजस्थान पत्रिका की ओर से जल की महत्ता को लेकर चलाया जा रहा अभियान सराहनीय है।
प्रारम्भ में जीनल जैन एवं अक्षिता जैन ने प्रार्थना प्रस्तुत की। हिंदी शिक्षिका संध्या ने कार्यक्रम का संयोजन किया। संचालन अंग्रेजी शिक्षिका विनी ने किया। राजस्थान पत्रिका के मुख्य उप संपादक अशोकसिंह राजपुरोहित ने पत्रिका के अभियान अमृतं जलम् के बारे में जानकारी दी।
जल ही जीवन
जल है तो कल है। जल ही जीवन है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमें जल बचाने में योगदान देना चाहिए। दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
ममता राजपुरोहित, छात्रा
एक-एक बूंद कीमती
जल की एक-एक बूंद कीमती है। जल की उपलब्धता को देखते हुए हमें जल के प्रति सचेत होने की जरूरत है। यदि हम अब भी जल के प्रति यदि गंभीर नहीं हुए तो हमें भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
खुशी राजपुरोहित, छात्रा
सहेंजें जल को
मौजूदा समय में जल की किल्लत बढ़ती जा रही है। ऐसे हालात के लिए किसी दूसरों को दोष नहीं दे सकते। हमें जल को बचाने एवं सहेजने के प्रयास करने चाहिए।
जीनल, छात्रा
पहचानें पानी की कीमत
हमने सही मायने में पानी की कीमत को पहचाना ही नहीं है। पैसा है तो पानी है, मेरी जमीन मेरा पैसा, वाली भावना के आधार पर ही हम चल रहे हैं। जिस दिन पानी की महत्ता को जान लेंगे पानी की समस्या का निदान भी हमें मिल ही जाएगा।
दीपिशा जैन, छात्रा
संभल कर करें पानी का उपयोग
पानी जरूरी है। इसका उपयोग संभल कर करना होगा। पानी पर ही हमारा भविष्य टिका है। पानी का खर्च सोच-समझ कर ही करें तो बेहतर होगा।
हेमलता राजपुरोहित, छात्रा
बढ़ावा दें पर्यावरण को
केरल में हर घर में पौधे लगाते हैं। समूचा केरल हरियाली से आच्छादित है। पर्यावरण के प्रति केरल में लोगों की अच्छी भावना है। पौधों से उन्हें विशेष लगाव है। तमिलनाडु को भी इस दिशा में सोचना चाहिए।
हेमप्रिया, छात्रा
पानी के लिए हाहाकार
समूचे चेन्नई महानगर में इन दिनों पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। लोगों को पानी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। साहुकारपेट में भी पानी को लेकर स्थिति संतोषप्रद नहीं कही जा सकती।
वीणा पटेल, छात्रा
Published on:
21 Jun 2019 12:42 am
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