7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चितलापाक्कम झील पर बने जनसुविधा पर ताला, खोलने की मांग

चितलापाक्कम झील पर बने जनसुविधा पर ताला, खोलने की मांग

2 min read
Google source verification
चितलापाक्कम झील

चेन्नई. जीर्णोद्धार के बाद चितलापाक्कम झील आस-पास के लोगों के टहलने-घूमने का सबसे पसंदीदा जगह होने के बावजूद शौचालय प्रवेश प्रतिबंधित होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक 48 एकड़ में फैली इस झील पर रोजाना करीब 2000 लोग टहलने और व्यायाम आदि अन्य शारीरिक गतिविधियां करने के लिए आते हैं, लेकिन यहां निर्मित शौचालय को आम जनता के लिए नहीं खोले जाने से बूढ़े-बुजुर्गों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सरकार ने किए थे 25 करोड़ रुपए आवंटित

गौरतलब है कि 2019 में राज्य सरकार ने गाद निकालने, झील के तल को गहरा करने, सीवेज डंपिंग को रोकने और वर्षा जल इनलेटों को बहाल करने के लिए 25 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। क्रोमपेट स्थित राधा नगर मेन रोड निवासी टी.एन. अशोकन ने कहा कि ‘एक नवनिर्मित शौचालय अभी तक जनता के लिए नहीं खोला गया है। जिसके कारण यहां टहलने के लिए आने वालों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसकी वजह से लोग खुले में पेशाब करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) को यहां टहलने आने वालों की सुविधा के लिए जल्द से जल्द शौचालय एवं अन्य कार्यों को पूरा कर देना चाहिए।

चितलापाक्कम रेजिडेंट्स एसोसिएशन समन्वय समिति के संयोजक पी. विश्वनाथन ने कहा, ‘सौंदर्यीकरण परियोजना के तहत पूर्वी तरफ के पैदल मार्ग के कुछ हिस्सों को तो विकसित किया गया, लेकिन पश्चिमी तरफ का काम अधूरा छोड़ दिया गया और इसके कारण यह मार्ग खंडित हो गया। इसके अलावा पश्चिमी तरफ उचित प्रकाश की भी व्यवस्था नहीं है। सही से देखा जाए तो डब्ल्यूआरडी ने अभी तक केवल आधा काम ही पूरा किया है। इतना ही नहीं अधिकारी इनलेट चैनलों का उचित रखरखाव सुनिश्चित करने और सीवेज की डंपिंग को रोकने में भी विफल रहे हैं।’

जल्द खोल दिया जाएगा शौचालय

चेंगलपेट जिले के डब्ल्यूआरडी अधिकारियों ने बताया कि पाइपलाइन और बिजली के काम अधूरा रहने के कारण शौचालय के उद्घाटन में देरी हुई। उन्होंने आश्वासन दिया कि इसे जल्द ही खोल दिया जाएगा और रखरखाव का काम तांबरम निगम को सौंप दिया जाएगा।