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तमिलनाडु को जल्द उपलब्ध कराएं कावेरी बेसिन का पानी

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर तमिलनाडु को कावेरी बेसिन से पानी उपलब्ध कराने की मांग की।

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kaveri water issue

Make available soon Water of Kaveri basin for tamilnadu

चेन्नई. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडपाड़ी के. पलनीस्वामी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर तमिलनाडु को कावेरी बेसिन से पानी उपलब्ध कराने की मांग की है। तमिलनाडु एवं कर्नाटक के बीच कावेरी जल को लेकर दो दशक से विवाद चल रहा है। विवाद कावेरी नदी के पानी को लेकर है। जिसका उद्गम स्थल कर्नाटक के कोडागु जिले में हैं। लगभग साढ़े सात सौ किमी लंबी यह नदी कुशालनगर, मैसूर, श्रीरंगापटना, तिरुचिरापल्ली, तंजावुर, मइलादुतुरै जैसे शहरों से गुजरती हुई तमिलनाडु में बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। पत्र में 5 फरवरी 2007 को हुए कावेरी जल विवाद ट्रिब्यूनल के अंतिम निर्णय की तरफ ध्यान दिलाते हुए लिखा कि इसके तहत बिलिगुण्डालु से हर साल 192 टीएमसी फीट पानी तमिलनाडु को देना था लेकिन 9 जनवरी 2018 तक 111.647 टीएमसी फीट पानी ही छोड़ा गया है जबकि 68.224 टीएमसी फीट पानी कम दिया गया है।
भारी मात्रा में फसलें हुई बर्बाद
सिंचाई वर्ष 2017-18 में मेटूर जलाशय को सिंचाई के लिए 2 अक्टूबर 2017 को खोला गया जबकि सामान्य तिथि 12 जून 2017 थी। इसका कारण भंडारण अपर्याप्त होना रहा। हालांकि सांबा की खेती जल्द शुरू हो गई। उत्तर पूर्वी मानसून भी शुरुआत में वर्षा के लिए सहायक रही। अक्टूबर के अंत में तेज बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा। ऐसे में भारी मात्रा में फसलें बर्बाद हो गई। ऐसा में कावेरी डेल्टा किसानों के पास फसल दुबारा बोने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। ऐसे में अब इन फसलों को सिंचाई के लिए पानी की सख्त आवश्यकता हैं तभी ये वृद्धि कर पाएगी।
मेटूर जलाशय में पानी की कमी
पत्र में लिखा कि कावेरी डेल्टा किसानों ने 2016-17 में भी कावेरी डेल्टा के किसानों को फसल का खराबा हुआ था। 12 जनवरी 2018 को मेटूर जलाशय में भंडारण केवल 21.27 टीएमसी फीट ही था जो बहुत कम हैं। स्थानीय फसलों एवं पेयजल की जरूरत पूरा करने के लिए पानी की जरूरत महसूस की जा रही है। गर्मियों में पानी की आवश्यकता और बढ़ जाएगी। कर्नाटक में फसल की कटाई हो चुकी है।
राज्य को 15 टीएमसी फीट पानी की जरूरत
वहीं कावेरी बेसिन के चार प्रमुख जलाशयों में 12 जनवरी 2018 तक 49.82 टीएमसी फीट पानी का भंडारण था। ऐसे में पेयजल आपूर्ति तथा फसलों को नुकसान से बचाने के लिए तमिलनाडु को कम से कम 15 टीएमसी फीट पानी की जरूरत है। कावेरी डेल्टा के किसानों की आजीविका का साधन कृषि ही है। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दें कि वे 7 टीएमसी फीट पानी तत्काल जारी करें तथा शेष एक पखवाड़े में जारी कर दें।