
जीवन को बेहतर मार्ग पर पहुंचाने के लिए सामायिक जरूरी
चेन्नई. साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने कहा ज्ञान के विकार के बाद लोभ, पाप और क्रोध करने वाले व्यक्ति भी धर्म की राह पर चलने लगते हैं लेकिन ज्ञान पाने के लिए परमात्मा की वाणी पर गहराई से विचार कर उसे अंतरात्मा से सुनना चाहिए। प्रवचन का यह अवसर मनुष्य के जीवन के सभी बुराइयों को धीरे-धीरे समाप्त कर देगा।
सामायिक करना तो दूर उसको करने की प्रतिज्ञा लेने मात्र से मनुष्य का जीवन धन्य हो जाता है। ऐसे अवसर पर हर व्यक्ति को निष्ठा और लगन से सामायिक करने की चेष्ठा रखनी चाहिए। प्रत्येक मनुष्य को उसके दिन की शुरुआत धर्म कार्य से करनी चाहिए। कार्य से दिन की शुरुआत करने से पूरा दिन बेहतर हो जाता है। परमात्मा की वाणी सुनने के लिए मिलने वाले गुरु भगवंतों के सानिध्य को हमे खोएं नहीं, बल्कि धर्म, तप, आराधना करके जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करें।
श्रावक के रूप में धर्म कुल में जन्म लेने के बाद अगर मनुष्य सामायिक नहीं किया तो उसके जन्म लेने का कोई मतलब नहीं निकलेगा। गौतममुनि ने कहा कि जिस कार्य को करने के लिए मनुष्य धर्म स्थल पर जाता है और उस कार्य को मन से न करे तो धर्म स्थल पर जाना बेकार है। धर्म और अपने गुरु के प्रति निष्ठा का भाव रखने वालों का जीवन सफल होता है। जीवन को आगे बढ़ाने के लिए नियम और प्रतिज्ञा बहुत ही जरूरी होती है। संसार के उत्थान के लिए बनाए जाने वाले नियम का सबको पालन करना चाहिए।
सागरमुनि ने कहा आचरण करने से उपदेश मिलता है और उसके बाद ही नए रास्तों का विकास होता है। अंधकार में रहकर व्यक्ति जेल से जेल की ही यात्रा करता है। इस जेल की यात्रा से निकलने के लिए सबसे पहले अंधकार से निकलने की जरूरत है। यह तभी संभव है जब हम गुरु भगवंतों के चरणों में जाकर परमात्मा की वाणी को सुने और उनका अनुसरण करें। गुरुओं के आगमन से ही जीवन का अंधकार दूर हो जाता है।
Published on:
30 Jul 2018 08:10 pm
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