
साधक हैं हम शब्द साधते, नदी-विचार पर बांध बनाते
चेन्नई.राष्ट्रीय महिला काव्य मंच की सितम्बर माह की काव्य गोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन मंच की संरक्षिका सरला विजय सिंह के आवास (वेलाचेरी) पर किया गया। गोष्ठी का प्रारंभ अध्यक्षा डॉ. मंजु की सरस्वती वंदना से हुआ। गोष्ठी सभी रंगों से सराबोर रही। पहला रंग था डॉ. श्यामसुंदर दूबे की समसामयिक रचना 'बढ़ गया पाप का प्रभाव इस तरह आज, इसीलिए चारों ओर हाहाकार हो रहा है।Ó मंच के नए सदस्य जगमीत सिंह ने समाज से आह्वान करते हुए एक संदेश प्रेषित करती रचना सुनाई- 'नारी का सम्मान करो।Ó
वरिष्ठ कवि अनिल अवस्थी ने 'खटमल चालीसाÓ सुनाकर हास्य का रंग बिखेरा और एक सुरीली गजल सुनाकर वातावरण सुरमय कर दिया। सरिता सरगम ने पर्यूषण पर्व की महत्ता और आचार्य महाश्रमण का गुणगान कर गोष्ठी में भक्ति का रंग भर दिया- 'जहां पर श्रद्धा, करुणा और इमान रहता है।Ó
इसी क्रम में विजय सिंह ने सूफी रंग में डूबा गीत 'मेरे जोगिया, मैं तेरी जोगनÓ गाकर समा बांध दिया। सुरेश जैन ने अन्य कवि की कविता गाकर अपना योगदान दिया। सरला सिंह ने नफरत और प्यार के बीच का अंतर बताते हुए- 'एक छोटी-सी चिंगारी नफरत, मगर बसी-बसाई बस्तियों को पल में श्मशान करेÓ कविता की सुंदर प्रस्तुति की। अंत में डॉ. मंजु रुस्तगी ने कवियों की सृजनधर्मिता पर अपनी कविता के माध्यम से बात रखी- 'साधक हैं हम शब्द साधते, नदी-विचार पर बांध बनाते।Ó धन्यवाद ज्ञापन से काव्य गोष्ठी का समापन हुआ।
हिन्दी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन
चेन्नई. राष्ट्रभाषा हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में शबरी शिक्षा संस्थान, सेलम की ओर से हिन्दी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। 14 वर्गों में विभाजित इन प्रतियोगिताओं में राज्य भर के 7500 छात्र व दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा के हिन्दी छात्रों ने भाग लिया। सभी भागीदारों को शबरी मिनी शब्दकोष पुरस्कार स्वरूप दिया जाएगा। विजेताओं को प्रमाण पत्र सहित उपयोगी पुस्तकों का पुरस्कार दिया जाएगा।
Published on:
14 Sept 2018 06:28 pm
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