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पासिंग आउड परेड के बाद सेना में बने अधिकारी

locationचेन्नईPublished: Sep 10, 2019 06:23:18 pm

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पासिंग आउड परेड के बाद सेना में बने अधिकारी

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चेन्नई. भारतीय सेना हर चुनौती का सामना करने के लिए सक्षम है। भारतीय सेना की अलग पहचान है और देश के सम्मानित संस्थानों में से एक हैं। भारतीय सेना अपनी जिम्मेदारी के लिए जानी जाती है।
लेफ्टिनेंट जनरल सतीन्दर कुमार सैनी ने यह बात कही। वे यहां अफसर प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) में पासिंग आउट परेड में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सेना में कमीशन के बाद अब सेना में नए तरीके से जीवन की शुरुआत होगी। इस मौके पर 153 पुरुष कैडेट्स एवं 30 महिला कैडेट्स को सेना में कमीशन मिला। इस मौके सभी ने देश सेवा एवं कर्तव्यनिष्ठा की शपथ ली।
ओटीए गान की प्रस्तुति
परेड के दौरान सेना एवं ओटीए के इतिहास के बारे में प्रकाश डाला गया। पाइपिंग सेरेमनी में अभिभावकों ने अपने बच्चे के कंधों पर स्टार लगाए। इस दौरान ओटीए गान की प्रस्तुति दी गई तथा शपथ ली। पासिंग आउड परेड के बाद सेना में कमीशन अधिकारी बने इन कैडेट्स के चेहरे पर खुशी स्पष्ट झलक रही थी। नए पास आउट हुए अधिकारियों ने आपस में एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटीं।
कड़ा अभ्यास
चेन्नई के अफसर प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) में लेफ्टिनेंट का प्रशिक्षण ले रहे कैडेट्स सुबह से लेकर शाम तक कड़ा अभ्यास करते हैं। देश के विभिन्न प्रदेशों के भी कैडेट्स यहां प्रशिक्षण ले रहे हैं। भूटान, मालदीव, फिजी, उगाण्डा आदि देशों के कैडेट्स ने भी यहां से प्रशिक्षण पूरा किया।
अवरोधकों को पार करना

प्रशिक्षण के दौरान पुरुषों को 9 फीट तथा महिलाओं को 7 फीट लम्बी दूरी की कूद को पूरी करना होता है। इसके साथ ही रस्सी पर चढऩा एवं उतरना, अवरोधकों को पार करना समेत अन्य कठिन अभ्यास इनके रोज की दिनचर्या में शामिल हो चुके हैं।
हौसला एवं हिम्मत

प्रशिक्षणार्थियों के यही सिखाया जा रहा है कि ऊंची सोच के साथ आगे बढ़ा जाएं और मार्ग में आने वाली बाधाओं से कभी डिगे नहीं। हौसला एवं हिम्मत बनाए रखें। कुछ इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उनके डर को धीरे-धीरे कम किया जाता है। नियमित अभ्यास के जरिए उन्हें प्रशिक्षण में पारंगत कर दिया जाता है। पहले उन्हें विभिन्न अभ्यास करके बताए जाते हैं।
हर वक्त आगे बढऩे का जुनून

यदि परिश्रम किया जाएं तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। मन में सकारात्मक सोच की भावना होनी चाहिए। समय की महत्ता और हर वक्त आगे बढऩे का जुनून सफलता का प्रतिशत बढा देता है। काम से कभी घबराएं नहीं। कुछ ऐसा ही कठिन प्रशिक्षण जीवन का मूल मंत्र बनाने की कला यहां कैडेट्स में भरी जा रही है।
सतर्क रहने की जरूरत

एक सेना अधिकारी को हर समय सतर्क रहने की जरूरत होती है। वह राष्ट्र के प्रति पूरी तरह से समर्पित रहता है। ऐसे ही जज्बे को लेकर यहां ओटीए में लेफ्टिनेंट का प्रशिक्षण ले रहे युवाओं का जोश देखते ही बनता है।
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