
Ramesh gupt neerad
हिंदी साहित्यकार रमेश गुप्त नीरद ने सामाजिक, शैक्षिक तथा साहित्यिक क्षेत्र में अपनी अप्रतिम प्रतिभा एवं निष्ठापूर्ण कार्यों से न केवल तमिलनाडु में विशेष पहचान बनाई है अपितु भारत सहित विदेशों के हिंदी साहित्यकारों, प्राध्यापकों एवं शिक्षावदों में भी अलग मुकाम बनाया है। दिल्ली में 16 जुलाई 1942 को एक ऐसे परिवार में जन्म हुआ जो भारत की आज़ादी के लिए क्रांतिकारी गतिविधियों में संलग्न था। नीरद 1957 से चेन्नई में हैं। एम.ए(हिंदी) और साहित्यरत्न' की शिक्षा प्राप्त नीरद ने विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ उज्जैन से विद्या वाचस्पति(पी.एच.डी), विद्या सागर(डी.लिट्) की मानद् उपाधि की है। नीरद ने कई सामाजिक, साहित्यक पत्र-पत्रिकाओं में संपादन किया है।
नीरद की रचनाएं भारत की छोटी-बड़ी सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में सातवें दशक से प्रकाशित होती आ रही हैं। अनेक नगरों से प्रकाशित काव्य संग्रहों में नीरद की कविताएं संग्रहित हैं। चेन्नई के स्वायत्तशासी कालेजों की पाठ्य-पुस्तक में नीरद के लिखे निबंध है तो 2016 से एमओपी वैष्णव महिला महाविद्यालय में स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को उनकी लिखी पुस्तक तमिलनाडु की लोक कथाएं पाठ्यक्रम का हिस्सा है। आकाशवाणी चेन्नई से कई बार गीत-कविताएं प्रसारित हो चुकी है।
चेन्नई विद्यालयों के हिंदी तथा हिंदीतर भाषी छात्रों की हिंदी भाषा में सृजनात्मकता को उभारने और निखारने के लिए 1993 से भारत सरकार के आर्थिक सहयोग से कच्ची-मिट्टी नामक एक परियोजना चला रहे हैं। इसमें छात्रों द्वारा रचित मौलिक कविता, कहानी को चयनित कर अग्रवाल विद्यालय द्वारा प्रकाशित कच्ची मिट्टी पुस्तक में प्रकाशित किया जाता है और श्रेष्ठ रचनाओं को पुरस्कृत किया जाता है। 2019 तक कच्ची मिट्टी पुस्तक के 24 अंक निकल चुके हैं। चेन्नई महानगर में हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रचार-प्रसार तथा मौलिक लेखन, सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए 1987 में अनुभूति साहित्यिक संस्था तथा 2010 में तमिलनाडु हिंदी साहित्य अकादमी की स्थापना की तथा अध्यक्ष पद को भी सुशोभित किया।
सामाजिक क्षेत्र में भी नीरद ने अपनी सेवाओं के कीर्तिमान स्थापित किए। श्री अग्रवाल सभा, श्री अग्रवाल नवयुवक संघ, श्री अग्रवाल समाज (मद्रास) तथा राजस्थानी एशोसिएशन तमिलनाडु जैसी सामाजिक संस्थाओं में अनेक पदों पर रहकर समाज विकास में योगदान दिया। अग्रवाल विद्यालय एंड जूनियर कालेज के संस्थापक संयुक्त सचिव रहे और 15 वर्षों तक निरंतर अपनी शैक्षिक संकल्पना एवं कर्मठता द्वारा विद्यालय को प्रगति की दिशा प्रदान की। तमिलनाडु हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा प्रदत्त साहित्य शिरोमणि जीवन उपलब्धि सम्मान (2013), कमला गोयनका फाउंडेशन, मुंबई-बेंगुलूरु का बालकृष्ण गोयनका हिंदी साहित्य सम्मान-2017 तथा राजस्थानी एसोसिएशन तमिलनाडु की राजस्थान श्री (2017) उपाधि उल्लेखनीय है।
Published on:
16 Jul 2022 10:19 pm
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