वक्ताओं का कहना था कि आने वाले समय में बहुत कुछ प्रौद्योगिकी तथा एप्लीकेशन पर निर्भर करेगा। इस मौके पर डा. पी.वी. विजयराघवन, चिराग मेहता तथा आर्याप्रिया गांगुली ने भी विचार व्यक्त किए।
साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए शासन सचिव से जवाब तलब
सोशल नेटवर्किंग कंपनियों से करें मंत्रणा
साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स व विविध वेबसाइट के प्रतिनिधियों से मंत्रणा कर शासन सचिव से ६ जून तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश हुआ है।
मद्रास उच्च न्यायालय का यह निर्देश सालभर पुरानी एक जनहित याचिका पर था जिसमें साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए सोशल साइट्स के यूजर्स को उनके खातों से आधार नम्बर लिंक करने के निर्देश जारी किए जाने की मांग की गई थी।
याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई मेंं मद्रास उच्च न्यायालय ने शासन सचिव को निर्देश दिया कि वे सोशल नेटवर्किंग व वेबसाइट कंपनियों के प्रतिनिधियों से मंत्रणा कर रिपोर्ट पेश करें कि कैसे इन अपराधों को नियंत्रित किया जा सकता है।
न्यायाधीश मणिकुमार व सुब्रमण्यन की न्यायिक पीठ ने कहा कि नेटवर्किंग कंपनियों के प्रतिनिधियों से चर्चा के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चाधिकारियों की एक कमेटी २७ अप्रेल तक बना दी जाए। इस कमेटी की प्रतिनिधियों से हुई वार्ता की रिपोर्ट मुख्य सचिव ६ जून तक एक शपथ-पत्र के रूप में हाईकोर्ट में पेश करेंगे।