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इंजीनियरिंग विद्यार्थियों का शोध नहीं होगा व्यर्थ, पेटेंट के मिलेंगे उपाय

- ताकि युवा विज्ञानियों का उत्साह बढ़े - आइडिएशन स्प्रिंट परियोजना पर कार्य

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इंजीनियरिंग विद्यार्थियों का शोध नहीं होगा व्यर्थ, पेटेंट के मिलेंगे उपाय

इंजीनियरिंग विद्यार्थियों का शोध नहीं होगा व्यर्थ, पेटेंट के मिलेंगे उपाय


चेन्नई. तमिलनाडु के इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए खुशखबर है। अब उन्हें इस बात का मलाल नहीं रहेगा कि उनकी खोज और शोध जायर हो जाती है, उनको कोई मुकाम हासिल नहीं हो पाता। सरकार ने तय किया है कि व्यापारिक उपयोगिता से जुड़े व्यवहार्य नवाचार को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया जाएगा ताकि इनका उपयोग हो सके।
अपनी शैक्षणिक परियोजनाओं के हिस्से के रूप में, इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्रों को इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी शिक्षा के माध्यम से हासिल कौशल को प्रभावकारी अथवा उपयोगी शोध के रूप में दिखाना होता है।
तकनीकी शिक्षा निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस सिलसिले में कहा, हालांकि, प्रत्येक इंजीनियरिंग कॉलेज की 100 से अधिक परियोजनाएं इसलिए निरस्त कर दी जाती हैं, कि वह पेटेंट स्तर तक नहीं पहुंच पाती हैं। इसके प्रति छात्रों में भी जागरूकता नहीं है।
कार्यशालाओं का बढ़ता भार
फिर कुछ अलग करने व नई तरकीब की तलाश में विद्यार्थियों को कई कार्यशालाओं व चर्चाओं में लम्बा समय काटना पड़ता है। लेकिन फिर भी कोई अनुप्रयोग वाला विचार हासिल नहीं हो पाता। इस समस्या के समाधान के लिए निदेशालय ने इंजीनियरिंग कॉलेजों को 'आइडिएशन स्प्रिंट' नामक एक परियोजना शुरू करने की सलाह दी है, जो न केवल विद्यार्थियों को नवाचार के विचारों से जोड़ेगा बल्कि विकसित तकनीकों से भी अवगत कराएगा।
पेटेंट सूचना केंद्र
तिरुचि और तिरुनेलवेली के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में आइडिया स्प्रिंट शुरू हो चुका है जिसका अन्य कॉलेजों में विस्तार किया जाएगा। अनुसंधान गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों में पेटेंट सूचना केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। अण्णा विश्वविद्यालय ने पिछले शैक्षणिक वर्ष में 18 पेटेंट हासिल किए, जबकि अन्य विश्वविद्यालयों में इनकी संख्या करीब दस थी।