
त्याग, तप और धर्माराधना के साथ मनाया क्षमापना पर्व संवत्सरी
चेन्नई. पुरुषावाक्कम के श्री एमकेएम जैन मेमोरियल सेंटर, चातुर्मासार्थ विराजित उपाध्याय प्रवर प्रवीणऋषि ने पर्यूषण पर्व के अंतिम दिन संवत्सरी महापर्व पर प्रवचन में कहा कि साधर्मिक की सेवा करना तीर्थंकर परमात्मा की भक्ति करने के समान है। इस भावना के साथ अपने साधर्मिक भाइयों की सहायता करनी चाहिए। आज महापर्व पर ऐसी भावना करेंं कि इस संसार से आज तक बहुत कुछ लिया है और अब मुझे इस संसार को देना है।
धर्म करने के लिए जितनी आपकी सामथ्र्य हो उससे ज्यादा करें और खाते समय सामथ्र्य से कम खाएं। महलों में रहने वालों ने भी कठोरतम तप, धर्माराधना कर संयम को अंगीकार किया और तीर्थंकर बने। भावना रखें कि मेरी जुबां को कभी भी गुस्से का स्पर्श न हो। जिन्होंने असंभव को संभव बनाया ऐसे महापुरुषों की ऐसी ही भावना रही। संघ की प्रभावना इस प्रकार करें कि जो भी व्यक्ति संघ के पास आए उसका कार्य पूर्ण हो जाए और वह समाज से जुड़ जाए, धर्म से जुड़ जाए।
आज के समय में कुसंस्कृति के प्रचार-प्रसार से प्रत्येक व्यक्ति को धर्म से जोडऩे की आवश्यकता है। तीर्थेशऋषि ने प्रात: अंतगड़ सूत्र का संगीतमय श्रवण कराया।
एएमकेएम ट्रस्ट के धर्मीचंद सिंघवी ने एएमकेएम धर्मपीठ कोष की स्थापना के बारे में बताया कि जहां कभी भी नए स्थानक बनाने की आवश्यकता होगी वहां यह पीठ स्थानीय संघ के साथ पूर्ण सहयोग करते हुए स्थानक का निर्माण किया जाएगा।
चातुर्मास समिति के महामंत्री अजीत चोरडिय़ा ने सभी का स्वागत करते हुए गुरुदेव की प्रेरणा से धर्म के अनुसार व्यवसाय संचालित करने से सकारात्मक परिणाम के बारे में अपने अनुभव बताए और कहा कि उन्हें तपस्या से सामथ्र्य और शक्ति का संचार प्राप्त हुआ, यह किसी विज्ञान से नहीं बल्कि तप और आत्मा की शक्ति के विकास से संभव है।
अभय श्रीश्रीमाल ने इस ऐतिहासिक चातुर्मास के लिए स्वयं को अध्यक्ष पद का दायित्व निभाने को अपना गौरव बताते हुए सभी का आभार जताया।
इस अवसर पर चेयरमेन नवरतनमल चोरडिय़ा, अध्यक्ष अभयश्रीश्रीमाल, कार्याध्यक्ष पदमचंद तालेड़ा, महामंत्री अजित चोरडिय़ा, कोषाध्यक्ष जेठमल चोरडिय़ा, यशवंत पुंगलिया, बी.गौतमचंद कांकरिया एएमकेएम ट्रस्ट के धर्मीचंद सिंघवी, कमलचंद खांटेड़, महावीर सुराणा, कमल छल्लाणी, गौतमचंद गुगलिया, सुनिल कोठारी के साथ-साथ अर्हम विज्जा फाउंडेशन और उड़ान टीम के सभी सदस्य और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
सायं प्रतिक्रमण में लगभग तीन हजार लोगों ने प्रतिक्रमण का धर्मलाभ लिया। कांता चोरडिय़ा ने ४० के उपवास की तपस्या के पच्चखान लिए।
शनिवार को नवपद एकासन और रविवार को मातृ-पितृ पूजन कार्यक्रम रहेगा।
Published on:
14 Sept 2018 11:07 am
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