
चुनौतीपूर्ण समय में संभला हुआ कामराजर पोर्ट
चेन्नई. कोरोना वायरस ने सभी तरह की आर्थिक क्रियाओं को न्यूनाधिक प्रभावित किया है। कामराजर पोर्ट भी कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉक डाउन से डगमगाया तो अवश्य है लेकिन फिर भी बंगाल की खाड़ी के तट पर यह देश सेवा में तत्परता से जुटा है।
कामराजर पोर्ट का कार्य विस्तार आठ बर्थ में है। इनमें से तीन कोयले और चौथा पेट्रोलियम उत्पादों का संधारण करता है। आठ में से चार बर्थ की हैंडलिंग फिलहाल लॉक डाउन, बिजली के उत्पादन में घटोतरी और औद्योगिक उत्पादन में ठहराव की वजह से प्रभावित है।
वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो कोरोना की वजह से अन्य औद्योगिक उपक्रम जितना प्रभावित हुए हैं उतना असर कामराजर पोर्ट की क्रियाओं पर नहीं पड़ा है। यंत्रीकृत पोर्ट होने की वजह से यह अपनी पूरी क्षमता पर काम कर रहा है। मार्च महीने की कार्गो हैंडलिंग आलोच्य अवधि की तुलना में २९ प्रतिशत घटी है। लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए यह गिरावट सामान्य है। उत्पादन और बिजली उपभोग के बढऩे के साथ ही कार्गाे हैंडलिंग का कारोबार उत्तरोतर आगे बढ़ेगा।
चार बर्थ से चल रहा काम
तमिलनाडु में ताप बिजलीघरों में कोयले की बड़ी डिमांड रहती है। कारखानों, कंपनियों व दफ्तरों के बंद होने की वजह से कॉमर्शियल डिमांड बहुधा घटी है। इस वजह से तांजेडको और एनटीइसीएल द्वारा कोयले का आयात व उपभोग घटा है। इसी तरह निजी ऊर्जा उत्पादकों की भी कोयला खपत में कमी आई है। लॉक डाउन में ढील मिलने के बाद जब औद्योगिक गतिविधियां सामान्य होंगी तो कोयले की डिमांड फिर पीक पर पहुंच जाएगी। इस बीच कामराजर पोर्ट फिलहाल बल्क टर्मिनल, कंटेनर, एलएंडजी और एलपीजी सिलेंडरों की हैंडलिंग कर रहा है। कोरोना रोकथाम के लिए पोर्ट की ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष में १ और पीएम केर्स कोष में ४ करोड़ रुपए का दान भी किया गया है।
Published on:
29 Apr 2020 07:28 pm
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