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द​क्षिण का दबदबा : BGM से लेकर AI तक कॉलीवुड आगे

चेन्नई. सुपरस्टार रजनीकांत ने अपनी आखिरी फिल्म ’जेलर’ के ऑडियो लांच पर कहा था कि अगर फिल्म का बीजीएम (बैक ग्राउंड यूजिक) शानदार नहीं होता तो फिल्म साधारण ही लगती। बता दें पैन इंडिया रिलीज इस फिल्म ने करोड़ों का कारोबार किया था। इसी तरह शाहरुख खान स्टारर ’जवान’ के एक हजार करोड़ से अधिक कमाई […]

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Tamil Films

चेन्नई. सुपरस्टार रजनीकांत ने अपनी आखिरी फिल्म ’जेलर’ के ऑडियो लांच पर कहा था कि अगर फिल्म का बीजीएम (बैक ग्राउंड यूजिक) शानदार नहीं होता तो फिल्म साधारण ही लगती। बता दें पैन इंडिया रिलीज इस फिल्म ने करोड़ों का कारोबार किया था। इसी तरह शाहरुख खान स्टारर ’जवान’ के एक हजार करोड़ से अधिक कमाई के पीछे तमिल फिल्म निर्देशक एटली का बड़ा हाथ रहा। एटली नई प्रौद्योगिकी को अपनाने में अग्रणी रहे हैं, जो फिल्म निर्देशक शंकर के फॉलोअर्स में से एक हैं। फिल्म निर्देशक शंकर ने रजनीकांत को ’रोबो’ (तमिल में यंत्तिरन) में जिस अंदाज से पेश किया था तब देश की फिल्म दुनिया के दर्शक अचंभित रह गए थे।

बदलते दौर के साथ कहानी और टेक्नोलॉजी के उपयोग में तमिल फिल्मकार हमेशा आगे रहे हैं, जो उनको बॉलीवुड के निर्देशकों से अग्रणी रखता है। फिल्मकार मानते हैं कि दक्षिण के निर्देशकों में नया सीखने और एक्सपीरिमेंट करने की चाहत ज्यादा है। वे हॉलीवुड की फिल्मों से इंस्पायर होते हैं तो उसमें देसी पुट जोड़ते हुए इसे लोकल व्यूअर्स और एटमॉसफियर के रूप में तब्दील कर देते हैं, जिससे लोग जुड़ते चले जाते हैं।

पिछले कुछ सालों या यूं कहें तो बाहुबली के रिलीज होने के बाद दक्षिण की फिल्मों और पैन इंडिया रिलीज का ट्रेंड बढ़ा है। बाहुबली और इसकी सिक्वल ने तो बॉक्स ऑफिस के सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए। उसी कड़ी में केजीएफ और केजीएफ-4 ने भी रेकॉर्ड कमाई की। प्रभास और अमिताभ बच्चन की ’कल्कि-2898 एडी’ के विजुअल इफेक्ट्स ने दर्शकों को यह मानने पर विवश कर दिया कि हम हॉलीवुड से कम नहीं। इसी दौर में आरआरआर ने भी अच्छा कारोबार किया और इसी फिल्म के ’नाटू... नाटू...’ सोंग को तो ऑस्कर अवॉर्ड भी मिल गया।

एआइ का उपयोग शुरू:

जहां बॉलीवुड, तमिल और तेलुगू के डब्ड वर्जन अथवा उनकी रीमेक बनाने में लगा है, वहीं तमिल फिल्म इंडस्ट्री ने एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का उपयोग शुरू भी कर दिया है। बाहुबली के कटप्पा का अमर किरदार निभाने वाले सत्यराज की फिल्म ’वेपन’ में इसका उपयोग हुआ। एआइ के जरिए सत्यराज को काफी यंग दिखाया गया। इसी तरह हालिया रिलीज अभिनेता विजय की मूवी ’गोट’ में एआइ के जरिए उनकी किशोरावस्था और कॉलेज के दिन दिखा दिए गए। इन नए बदलावों को सीखने के लिए ही 69 वर्षीय प्रयोगधर्मी अभिनेता और राजनेता कमल हासन नब्बे दिनों को एआइ कोर्स करने अमरीका गए हैं।

तमिल फिल्मों में अपनाई गई अग्रणी तकनीक

यहां कुछ दृष्टांत हैं जहां तमिल फिल्म के निर्देशकों ने नई तकनीक का पहली बार उपयोग किया।

● विश्वरूपम : नई ऑरो 3डी साउंड तकनीक का उपयोग करने वाली पहली भारतीय फिल्म।

विरुमांडी : लाइव साउंड रिकॉर्डिंग सिस्टम का पहली बार इस्तेमाल

● थेवर मगन : स्क्रीनप्ले लेखन सॉटवेयर का पहली बार इस्तेमाल

बॉयज़ : ‘अले अले’ गाने में 62 कैमरों का उपयोग और गाने को नई ’टाइम-फ़्रीज़’ तकनीक का इस्तेमाल करके शूट किया गया था