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स्टालिन बने डीएमके कार्यकारी अध्यक्ष

स्टालिन की ताजपोशी के साथ ही पार्टी के विधान में कुछ खास संशोधन भी किए गए ताकि रोजमर्रा के कार्य करने में उनको किसी तरह की बाधा नहीं पैदा हो। वे पार्टी के कोषाध्यक्ष भी बने रहेंगे। 

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Purushottam Reddy

Jan 04, 2017

MK Stalin

MK Stalin

चेन्नई. नए साल में डीएमके कोषाध्यक्ष से कार्यकारी अध्यक्ष का सफर एम. के.स्टालिन ने आसानी से तय कर लिया। उनके पिता और डीएमके अध्यक्ष एम. करुणानिधि नासाज होने की वजह से बुधवार को हुई महापरिषद की बैठक में अनुपस्थित रहे। उनकी गैरमौजूदगी में स्टालिन को यह बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी गई। स्टालिन की ताजपोशी के साथ ही पार्टी के विधान में कुछ खास संशोधन भी किए गए ताकि रोजमर्रा के कार्य करने में उनको किसी तरह की बाधा नहीं पैदा हो। वे पार्टी के कोषाध्यक्ष भी बने रहेंगे।


कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर उनके नाम का सुझाव वयोवृद्ध नेता और पार्टी महासचिव के. अन्बझगन ने रखा जिस पर महापरिषद ने मुहर लगा दी। पार्टी में स्टालिन का पद और कद बढऩे पर उनके समर्थकों में उत्साह देखा गया और वे जश्न मनाने लगे।


छह दशक में पहली बार
अन्बझगन ने कहा, डीएमके के 60 साल के इतिहास में यह पहला मौका है कि कार्यकारी अध्यक्ष का पद सृजित हुआ है। कार्यकारी अध्यक्ष के पास अध्यक्ष सरीखे समस्त अधिकार होंगे। पद की वरीयता के आधार पर पार्टी में अध्यक्ष पद ही प्रमुख होगा लेकिन करुणानिधि की तबीयत ठीक नहीं होने की वजह से स्वत: ही कार्यकारी अध्यक्ष का पद अव्वल हो जाता है।


महापरिषद ने लगाई मुहर
स्टालिन को यह महत्वपूर्ण ओहदा देने का प्रस्ताव पार्टी के संगठन सचिव आर. एस. भारती ने पेश किया जिसका समर्थन पार्टी मुख्यालय के प्रधान सचिव दुरै मुरुगन ने किया। फिर तीन हजार से अधिक महापरिषद के सदस्यों ने भी इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया। डीएमके के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री दुरै मुरुगन ने स्टालिन की तारीफ की तथा कहा कि पार्टी उनके दिशा-निर्देशों का पालन करेगी।


स्टालिन हुए भावुक
कार्यकारी अध्यक्ष पद की स्वीकारोक्ति में 92वर्षीय पिता करुणानिधि की सेहत का हवाला देते वक्त स्टालिन भावुक हो गए। उनका कहना था कि डीएमके में विभिन्न पदों को स्वीकारते हुए उनको काफी खुशी हुई थी लेकिन इस बार वह अहसास नहीं है। वे इस पद को नई जिम्मेदारी के रूप में देखते हैं जो पार्टी अध्यक्ष के सहायक के तौर पर होगी। फिर उन्होंने करुणानिधि से उनके आवास पर जाकर भेंट की और आशीर्वाद लिया।

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