
रामेश्वरम में एक मंदिर के गुंबद में लगाई गई मिसाइलमैन अब्दुल कलाम की प्रतिमा
रामेश्वरम. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को देश में सद्भाव का प्रतीक माना जाने लगा है। देश का हर नागरिक अपने जाति धर्म के परे मिसाइलमैन के नाम से मशहूर पूर्व राष्ट्रपति से लगाव रखता है।
इसका उदाहरण उनकी जन्मस्थली रामेश्वरम में देखने को मिलता है।
बारह ज्योतिर्लिंगो में से एक रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए जाने वाली बस पहले पेई काराम्बू मैदान में स्थित उनकी कब्र पर रुकती है। पेई काराम्बू मैदान में स्थित कब्र पर हमेशा बाहर से आने वाले लोगों की भीड़ लगी रहती है। ये लोग मंदिर में मौजूद भगवान शिव के दर्शन से पहले अपने गुरु कलाम के दर्शन करते हैं। भीड़ को देखकर हम कह सकते हैं कि देश की जनता द्वारा पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को भगवान का दर्जा दिया हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति की दूसरी पुण्यतिथि के मौके पर रामेश्वरम में उनके मेमोरियल का उद्घाटन किया था।
इस अवसर पर ही प्रधानमंत्री ने एक प्रतिमा का अनावरण भी किया था, लेकिन इस प्रतिमा के आगे भगवद्गीता रखी होने से विवाद शुरू हो गया था, इसके बाद प्रतिमा के आगे अब कुरान और बाइबल भी रख दी गई। कलाम की प्रतिमा रामेश्वरम में भगवान के मंदिर के गुंबद में भी लगाई गई है। यह कलाम के लिए देश की जनता का सलाम है और उन लोगों के लिए करारा जवाब भी, जो देश को जाति और धर्म के नाम पर बांटना चाहते हैं।
भगवान के मंदिर के गुंबद में लगी है कलाम की प्रतिमा
- लोग भगवान से पहले करते हैं मिसाइलमैन डॉ. अब्दुल कलाम के दर्शन
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को देश में सद्भाव का प्रतीक माना जाने लगा है। देश का हर नागरिक अपने जाति धर्म के परे मिसाइलमैन के नाम से मशहूर पूर्व राष्ट्रपति से लगाव रखता है।
इसका उदाहरण उनकी जन्मस्थली रामेश्वरम में देखने को मिलता है।
Published on:
20 Jul 2018 05:31 pm
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