
चेन्नई. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) से संबंधित विवाद के बीच मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर हमला करने को लेकर उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने शुक्रवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर पलटवार किया और कहा कि राज्य केवल ‘दो-भाषा’ नीति का पालन करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य केंद्र से केवल अपने द्वारा दिए गए करों में से अपना उचित हिस्सा मांग रहा है। उदयनिधि ने कहा, हम अपना हिस्सा, करीब 2150 करोड़ रुपए मांग रहे हैं। वे (केंद्र) चाहते हैं कि हम एनईपी और ‘तीन भाषा’ नीति को स्वीकार करें। तमिलनाडु हमेशा से तीन भाषा नीति का विरोध करता रहा है, इसलिए इसमें राजनीति करने की क्या बात है। शिक्षा तमिलों का अधिकार है, कृपया समझें कि राजनीति कौन कर रहा है।
इससे पहले दिन में प्रधान ने एनईपी के कार्यान्वयन पर जारी विवाद को लेकर स्टालिन पर हमला किया और उन पर राजनीतिक विमर्श बनाए रखने के लिए प्रगतिशील सुधारों को खतरे में डालने का आरोप लगाया। स्टालिन को लिखे पत्र में प्रधान ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर युवा शिक्षार्थियों के हितों के बारे में सोचना चाहिए, जिन्हें नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति से लाभ होगा। शिक्षा मंत्री स्टालिन द्वारा गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे गए पत्र का जवाब दे रहे थे। विदित होग तमिलनाडु और केंद्र सरकार राज्य में एनईपी के कार्यान्वयन को लेकर आमने-सामने हैं। द्रमुक सरकार ने शिक्षा मंत्रालय पर महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए धन रोकने का आरोप लगाया है।
Published on:
23 Feb 2025 07:03 pm
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