भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (आईआईटी-एम) में शनिवार को दुनिया के सबसे बड़े दहन अनुसंधान केंद्र का शुभारंभ हुआ। 90 करोड़ रुपए की लागत से तैयार य
चेन्नई।भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (आईआईटी-एम) में शनिवार को दुनिया के सबसे बड़े दहन अनुसंधान केंद्र का शुभारंभ हुआ। 90 करोड़ रुपए की लागत से तैयार यह केंद्र वैज्ञानिकों के शोध एवं अनुसंधान कार्यों में सहायक होगा। इसका उद्घाटन आईआईटी-एम के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोफेसर आशुतोष शर्मा की उपस्थिति में नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने किया। आईआईटी-एम के छह विभागों के 30 से अधिक फैकल्टी सदस्य इस वैश्विक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। इसके तहत ऑटोमोटिव, थर्मल पावर, एयरोस्पेस, अग्निशमन अनुसंधान और माइक्रोग्रेविटी, थर्मो-रासायनिक ऊर्जा रूपांतरण में दहन का उपयोग और ‘वैकल्पिक ऊर्जा व पर्यावरण संरक्षण’ पर शोध होगा।
सभी कंपनियों के साथ होगा काम
आईआईटी-एम के निदेशक भास्कर राममूर्ति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग और सीओ२ और अन्य प्रदूषक गैसों का उत्सर्जन चिंताजनक है। यह केंद्र सभी क्षेत्रों में महिंद्रा, टीवीएस, गेल, शैल, भेल, डीआरडीओ, इसरो, एनएएल, एवीएल, एफएम ग्लोबल,फोब्र्स-मार्शल,सीमेंस, थर्मैक्स, कमिंस, टाटा, वीटीटी जैसे आर एंड डी संगठनों के साथ काम करेगा।
जीयू सिंडीकेट ने रैगिंग मामले में तीनों छात्रों को होस्टल से निकाला
गुजरात विश्वविद्यालय के के.एस.स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट के तीन सीनियर विद्यार्थियों पर लगे रैगिंग के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए जीयू सिंडीकेट की शनिवार को हुई बैठक में इन तीनों ही विद्यार्थियों को छात्र होस्टल से तत्काल कमरा खाली करने का निर्देश दिया गया है। रैगिंग की घटना होस्टल में ही बनी होने के चलते इन्हें तत्काल होस्टल से निकालने के निर्णय को सिंडीकेट ने बहाली दी है। इसके अलावा इन तीनों ही विद्यार्थियों को दोबारा कोई गलती नहीं करने की चेतावनी दी है। दोबारा छोटी सी भी शिकायत मिलने पर इनका प्रवेश भी रद्द किया जा सकता है।
सिंडीकेट की बैठक में जीयू के विभिन्न भवनों में जारी भर्ती प्रक्रिया के तहत १४ प्राध्यापकों की नियुक्ति को सिंडीकेट की बैठक में मंजूरी दी गई। कॉलेजों में भी नियुक्त किए गए प्राध्यापकों की मान्यता को भी सिंडीकेट ने मंजूरी दी।