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हसरतें कभी पूरी नहीं होती

साध्वी कुमुदलता ने प्रवचन में कहा, पापों के शमन और पुण्य संचय का करें चिंतन

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Wishes Never complete says sadhvi kumudlata

हसरतें कभी पूरी नहीं होती

चेन्नई. चातुर्मास काल जीवन में बदलाव करने का उत्तम अवसर है। मानव को चातुर्मास काल में इस बात का चिंतन अवश्य करना चाहिए कि उसके जीवन से पापों का शमन और पुण्य का संचय हो। वासना, राग-द्वेष, कषाय आदि विसंगतियांं दूर हों और करुणा का समागम हो जाए। उक्त विचार अयनावरम स्थित जैन दादावाड़ी में चातुर्मासार्थ विराजित साध्वी कुमुदलता ने प्रचवचन के दौरान व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में भगवान महावीर के सिद्धांतों और संदेशों को अपनाना चाहिए। भगवान महावीर के सिद्धांतों का महात्मा गांधी के जीवन पर व्यापक प्रभाव था, इसीलिए उन्होंने आजादी की लड़ाई में अहिंसा को अपना हथियार बनाया था।

साध्वी महाप्रज्ञा ने कहा जीवन के तीन पायदान होते हैं बचपन, जवानी और बुढापा। बचपन खेलकूद में बीत जाता है, जवानी नींद और धन कमाने में जबकि बुढापा चौकीदारी में व्यतीत होता है। फिर व्यक्ति सोचता है कि इतना कुछ करने के बाद में अंत में कुछ नहीं मिला। इंसान की हसरतें कभी पूरी नहीं होती। परमात्मा तो हमें हर पल हम पर कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं। परमात्मा, तीर्थंकरों की वाणी बरसती है लेकिन हमारा आंचल इतना छोटा होता है कि हम उसे हासिल नहीं कर पाते। व्यक्ति को जिंदगी की परिभाषा समझनी चाहिए।
जो जिंदगी की परिभाषा समझ लेता है, वह इस भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा हमें यह सोचना चाहिए कि मैं एक आत्मा हूं और आत्मा ही परमात्मा बन सकती है, बाकी सब नश्वर है। हमें यह नहीं मालूम की कहां से आए और कहां तक जाना है। उन्होंने कहा, मां के गर्भ में घनघोर अंधेरा होता है। वहां से बाहर आने के लिए परमात्मा से विनती करते हैं कि बाहर आकर में तेरी भक्ति करूंगा, आराधना करूंगा लेकिन बाहर आते ही वह परमात्मा के अहसान को भूल जाता है।

इससे पूर्व साध्वी पदमकीर्ति ने शुक्ल पक्ष सूत्र के प्रथम अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा सभी सुख चाहते हैं और व्यक्ति भौतिक सुविधाओं में सूख की तलाश करता है लेकिन भौतिक सुविधाओं के अनुरूप ही दुख की बढोतरी भी होती है। इसलिए व्यक्ति को जिनवाणी का अनुकरण कर स्वाध्याय, साधना और धर्म ध्यान में सुख की तलाश करनी चाहिए। हमारे अपने मन में ही सुख और दुख समाहित हैं। गुरु दिवाकर कमला वर्षावास समिति के चेयरमैन सुनील खेतपालिया, अध्यक्ष पवनकुमार कोचेटा, महामंत्री हस्तीमल खटोड़ समेत बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने प्रवचन श्रवण का लाभ लिया।