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9वीं की छात्रा से रेप करने पर १० साल की कठोर कैद

- रेप के मामलों में सजा दिए जाने में नर्मी बरतना लोकहित के खिलाफ- न्यायाधीश नोरिन निगम

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10 years rigorous imprisonment for raping a student of 9th

10 years rigorous imprisonment for raping a student of 9th

छतरपुर। 14 वर्षीय छात्रा को भगाकर एक माह तक रेप करने के मामले में न्यायाधीश नोरिन निगम की अदालत ने आरोपी को दस साल की कठोर कैद के साथ 8 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। इस दौरान न्यायाधीश ने कहा कि रेप के मामलों में सजा दिए जाने में नर्मी बरतना लोकहित के खिलाफ है। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि कक्षा 9 वीं की छात्रा के पिता ने कोतवाली थाना में सूचना दर्ज कराई थी कि 7 अक्टूबर 2017 को सुबह 10 बजे उसकी बेटी स्कूल जाने के लिए घर से निकली थी। उसी दिन उसकी बेटी ने उसे मोबाइल से बताया कि छतरपुर का रहने वाला अंकित सेन उसे भोपाल ले जा रहा है और मोबाइल काट दिया। स्कूल में जाकर पता किया तो पीडि़ता स्कूल नही पहुंची थी। अंकित भी अपने घर पर नहीं मिला। ममाले में एसआई रुपनारायण पटैरिया ने विवेचना के दौरान पीडि़त छात्रा को दस्तयाब किया। छात्रा ने पूंछतांछ पर बताया कि अंकित ने उसे प्रसाद में मिलाकर कुछ खिला दिया था और उसे भोपाल होते हुए दिल्ली ले गया। दिल्ली में अंकित ने उसके साथ एक माह तक एक कमरे में रेप करता रहा और बाद अंकित उसे छतरपुर में छोड़कर भाग गया। पुलिस ने आरोपी अंकित को गिरफ्तार कर मामला कोर्ट में पेश किया गया।

न्यायाधीश नोरिन निगम की अदालत ने सुनाई सजा
अभियोजन की ओर से डीपीओ एसके चतुर्वेदी ने पैरवी करते हुए सबूत और गवाह कोर्ट के सामने पेश किए। विशेष न्यायाधीश नोरिन निगम की कोर्ट ने फैसला दिया है कि बलात्कार के अपराध में सजा दिए जाने में नर्मी बरतना लोकहित के खिलाफ है। वर्तमान समय में महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध बढ़ रहे है। ऐसे अपराध समाज में मानव की गरिमा को क्षति पहुंचाते हैं। कोर्ट ने अंकित को दोषी ठहराते हुए धारा 5/6 पोक्सो एक्ट में दस साल की कठोर कैद पांच हजार रुपए जुर्माना, आईपीसी की धारा 363 में तीन साल की कठोर कैद एक हजार रुपए जुर्माना और धारा 366 में सात साल की कठोर कैद के साथ दो हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई।