
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय
छतरपुर. जिले में जरूरतमंद एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्रवेश प्रक्रिया इस वर्ष भी सक्रियता से संपन्न हो रही है। वर्ष 2025-26 के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 7 मई से प्रारंभ हुई थी, जो 21 मई तक चली। इस अवधि में जिले में कुल 1386 सीटों के लिए 100 प्रतिशत आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इन सीटों पर जिले के 582 निजी स्कूलों में बच्चों को प्रवेश मिलेगा।
इस वर्ष आरटीई के तहत सीटों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत कम है, फिर भी अभिभावकों में उत्साह की कोई कमी नहीं देखी गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, आवेदन की संख्या निर्धारित सीटों के बराबर पहुंच चुकी है। यह दर्शाता है कि कमजोर वर्ग के अभिभावक अब अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के प्रति पहले से अधिक जागरूक हो गए हैं।
इस वर्ष अभ्यर्थियों को स्कूल आवंटन के लिए केवल एक ही अवसर मिलेगा। 29 मई को रेंडम पद्धति से ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से स्कूलों का आवंटन किया जाएगा। आवंटन की सूचना एमएमएस के माध्यम से संबंधित अभ्यर्थियों को भेजी जाएगी। इसके बाद 2 जून से 10 जून तक आवंटित स्कूलों में छात्र-छात्राओं को उपस्थित होकर प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी।
वर्तमान में जिले के 56 सत्यापन केंद्रों पर दस्तावेजों की जांच का कार्य जारी है, जो 23 मई तक चलेगा। अभी तक 911 आवेदकों के दस्तावेजों का सत्यापन हो चुका है जबकि 475 अभ्यर्थियों का सत्यापन शेष है। डीपीसी एएस पांडेय ने सभी अभिभावकों से अपील की है कि आवेदन के बाद समय पर केंद्र पर पहुंचकर दस्तावेजों का सत्यापन अवश्य कराएं, ताकि उनकी पात्रता सुरक्षित रहे।
राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा इस वर्ष प्रवेश के लिए आयु सीमा भी स्पष्ट रूप से निर्धारित की गई है। मानक के तहत जिन बच्चों की आयु तय सीमा में आती है, केवल वही आवेदन के पात्र माने गए हैं।
नर्सरी- 3 वर्ष से 4 वर्ष 6 माह तक
केजी 1- 4 वर्ष से 5 वर्ष 6 माह तक
केजी2 - 5 वर्ष से 6 वर्ष 6 माह तक
कक्षा पहली- 6 वर्ष से 7 वर्ष 6 माह तक
संपूर्ण प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए जनशिक्षकों को समय-समय पर आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सत्यापन और लॉटरी के पश्चात सभी पात्र बच्चों को समय पर प्रवेश मिले और कोई भी वंचित न रहे। छतरपुर जिले में आरटीई प्रक्रिया की यह पारदर्शी और तकनीकी आधारित व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि शिक्षा का मूल अधिकार वास्तव में उन तक पहुंचे, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
Published on:
22 May 2025 10:57 am
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