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47वां खजुराहो नृत्य समारोह: देवी थीम पर कथक समूह नृत्य प्रस्तुति देख दर्शक झूम उठे

- मैत्रेयी पहाड़ी और कलाकारों की कथक समूह नृत्य प्रस्तुति - सत्यनारायण राजू द्वारा भरतनाट्यम- एवं अयाना मुखर्जी और प्रशांत कालिया द्वारा कुचिपुड़ी-छाऊ युगल नृत्य

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खजुराहो. विश्व धरोहर खजुराहो में 47वें खजुराहो नृत्य समारोह के छठवें दिन शास्त्रीय नृत्य की ऊर्जावान और सजीव प्रस्तुतियों से पर्यटक आनंदित हो उठे। देवी थीम पर मैत्रेयी पहाड़ी और कलाकारों की कथक समूह नृत्य प्रस्तुति देख दर्शक झूम उठे और तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का मनोबल बढ़ाया। इसी क्रम में सत्यनारायण राजू द्वारा देवादी देवा, हनुमन्ता देवा-नमो: और सुमन्सा रन्जनी थीम पर भरतनाट्यम एवं अयाना मुखर्जी और प्रशांत कालिया के अर्द्ध नारीश्वर, मीरा भजन, महादेव, शिव शम्भो और ठिल्लाना' थीम पर कुचिपुड़ी-छाऊ युगल नृत्य को दर्शकों ने खूब सराहा।

शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में मैत्री पहाड़ी की गणना प्रथम पंक्ति के कलाकारों में की जाती है। उन्होंने देश व विदेश के प्रमुख कला मंच से नृत्य प्रस्तुति कर अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का परिचय दिया है। उन्हें प्रतिष्ठित चार्ण्स वालेस फैलोशिप 2003 से सम्मानित किया गया है। उन्होंने प्रवासी भारतीय दिवस, मध्यप्रदेश स्थापना दिवस, दक्षिण अफ्रीका में भारत, सार्क समिट तथा जर्मनी के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का नृत्य निर्देशन भी किया है।

सत्यनारायण राजू एक नृतक, शिक्षक और कोरियोग्राफर हैं। श्री सत्यनारायण संस्कृति द टेंपल ऑफ आर्ट संस्थान में अनेक युवाओं को प्रशिक्षित करते हैं। उन्हें कर्नाटक संस्कृत नृत्य अकादमी द्वारा कर्नाटक कलाश्री पुरस्कार, दूरदर्शन चंदन पुरस्कार, कर्नाटक नृत्य कला परिषद द्वारा नृत्य निपुण पुरस्कार, दक्षिण कैलिफोर्निया अमेरिका का बेस्ट एंड आउटस्टेंडिंग आर्टिस्ट ऑफ द ईयर 2003 और 2006 पुरुष्कार से नवाजा गया है।

प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि खजुराहो नृत्य महोत्सव के मनमोहक नृत्य भारत की विविध संस्कृतियों के रंग मंच पर विखर रहें हैं। कलाकारों ने अपनी सजीव प्रस्तुतियों ने स्थापत्य को जीवंत बना दिया। यह महोत्सव विश्व स्तर पर हमारे देश के अद्वितीय इतिहास और वर्तमान विविध कलाओं से परिचय करा रहा है।