चिल्ड्रन पार्क व सेल्फी जोन बनेंगे
यह सिटी फॉरेस्ट छतरपुर रेंज की हमा बीट के अंतर्गत विकसित किया जाएगा और इसकी कुल 30 हेक्टेयर भूमि को इस परियोजना के लिए चिन्हित किया गया है। वन विभाग के एसडीओ कार्तिक नायक ने जानकारी दी कि इस प्रोजेक्ट पर लगभग 5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें नागरिकों के लिए वॉकिंग ट्रैक, चिल्ड्रन पार्क और सेल्फी जोन भी शामिल होंगे।
जैव विविधता को मिलेगा नया जीवन
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्र में घटती हरियाली को पुर्नस्थापित करना, प्रदूषण को नियंत्रित करना और नागरिकों को प्रकृति से जोडऩा है। सिटी फॉरेस्ट में छायादार, फलदार, औषधीय और देशी प्रजातियों के हजारों पौधे लगाए जाएंगे। यह क्षेत्र न केवल वन क्षेत्र के रूप में विकसित होगा, बल्कि शहरवासियों के लिए एक प्राकृतिक विश्राम स्थल भी बनेगा।
बनेगा चिल्ड्रन पार्क, तालाब और सेल्फी जोन
प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाने के लिए सिटी फॉरेस्ट में तालाबों का निर्माण और पहले से बनी जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार किया जाएगा, जिससे भूजल स्तर में सुधार हो सके। इसके अलावा चिल्ड्रन पार्क और सेल्फी जोन जैसे आधुनिक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी, ताकि हर आयु वर्ग के लोग यहां समय बिता सकें। संपूर्ण परिसर को प्लास्टिक फ्री जोन घोषित किया जाएगा।
प्रकृति से जुडऩे का मिलेगा अवसर
इस फॉरेस्ट का उद्देश्य केवल हरियाली बढ़ाना नहीं, बल्कि लोगों को वनों का महत्व समझाने और उन्हें प्राकृतिक जीवन शैली के करीब लाने का भी है। यहां विभिन्न प्रजातियों के वृक्षों की जानकारी देने वाले बोर्ड, शैक्षणिक गतिविधियों के लिए क्षेत्र और प्रकृति प्रेमियों के लिए शांत वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा।
छतरपुर को मिलेगा नया पर्यावरणीय आकर्षण
झनझन देवी मंदिर की पहाड़ी पर प्रस्तावित यह सिटी फॉरेस्ट न केवल स्थानीय नागरिकों, बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक नया आकर्षण होगा। यह परियोजना छतरपुर की सांस्कृतिक और प्राकृतिक पहचान को और सशक्त करेगी। वन विभाग के अधिकारी और स्थानीय प्रशासन इस परियोजना को सफल बनाने के लिए तैयार हैं।
तालाब का सौंदर्यीकरण होगा
नगर वन के विकास के तहत एक अन्य महत्वपूर्ण कदम तालाब का सौंदर्यीकरण होगा। झनझन देवी मंदिर के पास स्थित यह रियासतकालीन तालाब अब तक रख-रखाव के अभाव में जीर्ण-शीर्ण स्थिति में था। नगर वन के तहत इस तालाब का पुनर्निर्माण किया जाएगा। साथ ही, मंदिर जाने के लिए एक व्यवस्थित सडक़ मार्ग का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे मंदिर जाने का रास्ता सुगम होगा और श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा आसान हो सकेगी।इनका कहना है
इस योजना से छतरपुर और आसपास के क्षेत्रों में पर्यावरणीय परिस्थितियों में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि नगर वन के बनने से यहां रहने वाले लोगों को स्वच्छ वायु, हरियाली और शहरी जीवन में संतुलन की सुविधा मिलेगी।सर्वेश सोनवानी, डीएफओ छतरपुर