सडक़ निर्माण की घटिया गुणवत्ता का हुआ खुलासा
यह सडक़ संस्कार इन्फ्रास्ट्रक्चर छतरपुर द्वारा बनाई गई थी, जिसकी लागत 1 करोड़ 81 लाख रुपए थी। सडक़ पर लगे बोर्ड के अनुसार यह काम आठ महीने पहले पूरा हो चुका था, लेकिन जब अधिकारियों ने जांच की तो पता चला कि यह सडक़ दो दिन पहले ही पूरी हुई थी। ग्रामीणों ने खुद अपने हाथों से सडक़ का डामर उखाडकऱ उसका वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे यह मामला सुर्खियों में आया।
चीफ इंजीनियर ने की कार्रवाई
सागर के चीफ इंजीनियर सीपी सिंह ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए सब-इंजीनियर संजय त्यागी को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही, रोड बनाने वाली एजेंसी संस्कार इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। स्थानीय विधायक राजेश शुक्ला ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया और कहा कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों से इस विषय में बात की थी। उन्होंने अधिकारियों से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी।
ग्रामीणों ने किया था विरोध
ग्रामीणों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी विभाग और ठेकेदार की मिलीभगत के कारण ही यह घटिया सडक़ निर्माण हुआ। उनका आरोप है कि अधिकारियों ने निर्माण कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी की और बिना मानकों के हिसाब से कार्य पूरा किया, जिसके परिणामस्वरूप यह सडक़ महज दो दिन में उखड़ गई। जिला प्रशासन ने घटना के बाद तत्काल जांच के आदेश दिए। जांच में पाया गया कि सडक़ की निर्माण गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं थी, जिसके बाद अधिकारियों ने ठेकेदार और संबंधित एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की। अब, प्रशासन द्वारा भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को जल्द ही नई सडक़ की निर्माण प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी। प्रशासन का कहना है कि इस मामले में दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में इस तरह की गलती न हो, इसके लिए कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
पत्रिका व्यू
यह घटना यह दर्शाती है कि गुणवत्ता और मानकों की अनदेखी से विकास कार्यों की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की है, लेकिन यह सवाल भी उठता है कि क्या भविष्य में ऐसे मामले फिर से सामने नहीं आएंगे। इस मामले की जांच और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई से उम्मीद की जा रही है कि सार्वजनिक कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।