
Admissions of DCA-PGDCA without taking recognition
छतरपुर. शहर के कई कोचिंग और कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट संचालकों द्वारा धोखाधड़ी डीसीए और पीजीडीसीए सहित उन्य पाठ्यक्रम में एडमिशन लिए जा रहे हैं। उनके पास इन पाठ्यक्रमों की मान्यता नहीं होने के बाद भी यह दलाली का काम लगातार जारी है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्र-छात्राओं को मान्यता नहीं होने के बाद भी बरगलाकर एडमिशन दिया जा रहा है और बाद में किसी दूसरे सेंटर का सर्टिफिकेट थमाया जा रहा है। जिसके बाद छात्र खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। यह खेल छतरपुर शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बदस्तूर जारी है। दो ऐसे ही मामला सामने आए है जहां पर एक टैली एकेडमी चलाने वाले संचालक द्वारा फर्जी तौर पर डीसीए और पीजीडीसीए सहित उन्य पाठ्यक्रम में एडमिशन लिए जा रहे हैं। वहीं दूसरे सफलता एकेडमी का संचालन कर छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी कराई जा रही है लेकिन इसके साथ ही बिना कोई मान्यता के डीसीए और पीजीडीसीए पाठ्यक्रम के लिए एडमिशन लिए जा रहे हैं। छात्रों की असलियत की जानकारी होने पर इसकी शिकायत छात्रों द्वारा माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से की गई है।
शहर के महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के सामने स्थित सीएससी टैली एकेडमी में टैली का कोर्स कराया जा रहा है। इसके अलावा संचालक विवेक खरे द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्र-छात्राओं को माखनलाल चतुर्वेदी विवि द्वारा डीसीए और पीजीडीसीए कराने की बात कह कर एडमिशन लिया जा रहे हैं। जिसकी लिखित जानकारी दी जा रही है। एडमिशन कराने आए छात्र गगन श्रीवास और निखिल रैकवार ने बताया कि सीएससी टैली एकेडमी के संचालक द्वारा खुद के यहां एडमिशन लेने व 8 हजार रुपए फीस बताई थी। जिन्होंने बताया कि वह अपने यहां से कोर्स कराएंगे और माखनलाल चतुर्वेदी विवि भोपाल का सर्टिफिकेट देंगे। जिसके बाद ५००-५०० रुपए जमा कर दिए। रसीद में भी डीसीए और पीजीडीसीए लिखा है।
लिखित में माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय द्वारा जारी सर्टिफिकेट देने की बात कही। बाद में उन्हें शक हुआ और पता किया तो सीएससी टैली के अलावा उनके पास और कोई मान्यता नहीं है। इसके बाद उन्होंने विवेक खरे से बात की तो उन्होंने गढ़ीमलहरा स्थित एक कम्प्यूटर सेंटर से सर्टिफिकेट दिलाने की बात बताई गई। जिसकी शिकायत छात्रों ने माखनलाल चतुर्वेदी विवि में की गई। वहीं सफलता एकेडमी जहां पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। लेकिन उसके संचालक विजय वर्मा द्वारा डीसीए और पीजीडीसीए में एडमिशन लिए जा रहे हैं और अपने यहां पर स्टडी सेंटर चलाने की बता कर रहे है और माखनलाल चतुर्वेदी विवि से संबद्ध बमीठा में संचालित हो रहे कम्प्यूटर सेंटर से सर्टिफिकेट देने की बात की जा रही है। जिसका एक ऑडियो भी वायरल हुआ है।
Published on:
23 Jun 2019 12:46 am
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