छतरपुर. शहर में खुले में फिर रहे जानवरों की भरमार है, इसको लेकर स्थानीय प्रशासन से लेकर प्रदेश के सीएम तक ने चर्चा की और सभी निकायों को निर्देशित किया था। लेकिन इसके बाद भी निकायों ने अभी तक कार्य शुरू नहीं कराया है। ऐसे में हालात हैं कि अब गोवंश के साथ गधे थे सड़कों में फिर रहे हैं और लोगों के लिए परेशानी व दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। इसको लेकर स्थानीय लोगों की शिकायतों पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
शहर में आवारा पशुओं का आंतक जारी है, आवारा पशुओं की भरमार लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। इनकी वजह से कई बार वाहन चालक सड़क दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। दर्जनों बार शहर वासियों द्वारा नगर पालिका में शिकायत के बाद भी आवारा पशुओं पर रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ऐसे में शहर में आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या लोगों के लिए सिरदर्द और जान को खतरा बन रही है। सड़कों और बस स्टैंड पर ही नहीं बल्कि गली मोहल्लों में आवारा पशुओं का आंतक है, इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। बीते माह प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सभी नगरीय निकायों को टीम गठित करने और शहरी क्षेत्र से खुले में घूम रहे जानवरों को हटाने के लिए कहा था। इसके बाद कुछ निकायों के साथ छतरपुर नगर पालिका में भी टीम बनी, लेकिन इसको लेकर कार्य शुरू नहीं किए जा रहे हैं। अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही के चलते मुख्य सड़कों में गायों के साथ अब गधों की संख्या बढ़ती जा रही है। शहर के गई स्थानों में गधे बीच सड़क में खड़े हो रहे हैं और फिर राहगीरों पर हमलावर होते हैं। इसको लेकर नगरीय निकाय ध्यान नहीं दे रही है।
प्रशासन से लोगों ने की शिकायत
शाम ढलने के बाद शहर के गली-मोहल्लों में पैदल या दोपहिया पर निकलना खतरे से खाली नहीं है। दोपहर में भी ये जानवर बच्चों को निशाना बनाने से नहीं चूकते। शहर के विभिन्न सड़कों और मोहल्लों में इन जानवरों का खौफ इस कदर छाया हुआ है कि लोग रात तो रात दिन में भी इनके झुंड को देखकर रास्ता बदल लेने में ही गनीमत समझते हैं। इनके आतंक से स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों को सबसे अधिक खतरा है। लोगों ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा की जल्द से जल्द इन आवारा जानवरों की समस्या से निजात दिलाने के लिए ठोस से ठोस कदम उठाया जाएं।
जानवरों को हटाने में असमर्थ नपा
शहर में फिर रहे आवारा जानवरों को शहर के बाहर स्थित गौशालाओं में छोडऩे के लिए नगर पालिका असमर्थ है। अधिकारियों द्वारा टीम बनाने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने और टीम के सदस्य इसके लिए तैयार नहीं हा रहे हैं। जिससे इसके लिए टैंडर प्रक्रिया शुरू की जा रही है। जिसके बाद ठेकेदार द्वारा शहर से जानवर हटाए जाएंगे।
इनका कहना है
शहर से जानवरों को बाहर करने के लिए टैंडर प्रक्रिया चल रही है, जिसको भी टैंडर मिलेगा, उनके द्वारा ये कार्य किया जाएगा।
माधुरी शर्मा, सीएमओ, नपा छतरपुर
