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दूध निकालने के बाद गायों को खुला छोड़ रहे पशुपालक, रहवासी हो रहे परेशान

रहवासियों को नहीं मिल रही समस्या से निजात

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दूध निकालने के बाद गायों को खुला छोड़ रहे पशुपालक, रहवासी हो रहे परेशान

दूध निकालने के बाद गायों को खुला छोड़ रहे पशुपालक, रहवासी हो रहे परेशान

छतरपुर. शहर में बड़ी संख्या में गायों के पालने वाले लोग हैं, तो अपने घरों में गायों को रख रहे हैं। लेकिन अधिकतम लोगों को गायों की कद्र सिर्फ जुबान पर ही होती है। यह सुबह शाम दुध निकालने के बाद उन्हें खुला छोड़ रहे हैं। ऐसे में धरातल पर गोवंशीय पशुओं की हालत दिन पर दिन बदतर हो रही है। शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेरों पर लावारिस गायों को मुंह मारते देखा जा सकता है। भूखी प्यासी ये गायें कभी सड़े गले खाद्य पदार्थ और प्लास्टिक की पन्नियां खाकर अपनी भूख मिटाती हैं और प्यास बुझाने के लिए कीचडय़ुक्त गंदा पानी पीना इनकी मजबूरी बन गई है।
छतरपुर शहर की ही बात करें तो यहां वर्तमान में सैकडोंं गोवंशीय पशु सुबह से ही सड़कों और मोहल्लों पर लावारिस छोड़ दिए जाते हैं। दिन भर इन गायों को गंदगी से ही पेट भरना होता है। तपती धूप हो या घनघोर बारिश इन गायों को इनके हाल पर छोड़ दिया जाता है।
जो गायें सड़कों पर अक्सर नजर आती हैं उनमें से अधिकांश गायें पशुपालकों की हैं। पशुपालक सुबह गायों से दूध निकालकर उन्हें खुला छोड़ देते हैं। शाम को गाय से पुन: दूध निकालकर उन्हें रात को बांध दिया जाता है। सुबह होने पर फिर इन्हें छोड़ देते हैं। पशुपालकों द्वारा सड़कों पर छोड़े गए यही गोवंशीय पशु अक्सर घटनों और लोगों की नाराजगी का शिकार बनते हैं। घरों क बाहर जाने पर लोग भोजन पानी कम डंडे और फटकर ज्यादा दे रहे हैं।
वहीं कचरे से दूषित पदार्थ खाने से भी गोवंशीय पशुओं की असामयिक मौत हो रही है। सड़कों पर विचरण करने वाले यह पशु अक्सर वाहनों से दुर्घटना के शिकार भी हो जाते हैं। कई बार इन्हें आवारा कुत्तों के हमलों का भी शिकार बनना पड़ता है।
शहर में गौ रक्षा की दुहाई देने के लिए तमाम संगठन समय-समय पर बड़ी बड़ी बातें तो करते हैं, लेकिन शहर में गायों की दुर्दशा की तरफ आज तक कोई ठोस पहल नहीं की गई।

दर-दर फिरते हैं गोवंश
शहर के सभी मोहल्लों में पालकों द्वारा गोवंश को खुला छोड़ रहे है, ऐसे में वह आस-पास के घरों में भोजल पानी के लिए पहुंच रहे हैं। जहां पर कुछ लोग उसे खाना पानी दे देते हैं। लेकिन अधिकतर लोग गायों को दरवाजे से भगा देते हैं। वहीं कई बार गायों द्वारा लोगों पर हमला करने की घटनाएं होने से लोग इन्हें दूर से ही डंडा दिखाते हैं।