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छतरपुर की बेटी क्रांति गौड़ ने इंग्लैंड में रचा इतिहास, मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दी बधाई

भारत ने यह मुकाबला 13 रनों से जीतकर सीरीज 2-1 से अपने नाम की। इस ऐतिहासिक जीत की सबसे बड़ी हीरो बनीं 21 वर्षीय तेज गेंदबाज क्रांति गौड़, जिन्होंने 9.5 ओवर में मात्र 52 रन देकर 6 विकेट चटकाए और इंग्लैंड की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी।

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kranti gaoud

क्रांति गौड़

इंग्लैंड के चेस्टर-ली-स्ट्रीट में खेले गए भारत और इंग्लैंड की महिला टीम के तीसरे और निर्णायक वनडे में छतरपुर की बेटी क्रांति गौड़ ने ऐसा कारनामा किया कि पूरे देश के साथ-साथ अपने जिले का भी नाम रोशन कर दिया। भारत ने यह मुकाबला 13 रनों से जीतकर सीरीज 2-1 से अपने नाम की। इस ऐतिहासिक जीत की सबसे बड़ी हीरो बनीं 21 वर्षीय तेज गेंदबाज क्रांति गौड़, जिन्होंने 9.5 ओवर में मात्र 52 रन देकर 6 विकेट चटकाए और इंग्लैंड की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी।

जश्न का माहौल

क्रांति के इस प्रदर्शन के बाद छतरपुर और बुंदेलखंड अंचल में जश्न का माहौल है। लोग ढोल नगाड़ों के साथ खुशी मना रहे हैं और क्रांति को बधाइयाँ दे रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर क्रांति गौड़ को बधाई दी और लिखा मध्यप्रदेश की बिटिया क्रांति गौड़ से आज हमारा भारत हुआ गौरवान्वित… इंग्लैंड के खिलाफ निर्णायक वनडे में 6 विकेट लेकर भारत को जीत दिलाने वाली छतरपुर जिले की प्रतिभाशाली खिलाड़ी क्रांति ने न केवल मैच, बल्कि करोड़ों दिल भी जीत लिए हैं। इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आपका यह अद्भुत प्रदर्शन करोड़ों युवाओं और बेटियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा।

प्लेयर ऑफ द मैच ट्रॉफी क्रांति के साथ साझा की

टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने चौथे नंबर पर खेलते हुए 84 गेंदों में 102 रन बनाए और भारत को 318 रन के बड़े स्कोर तक पहुंचाया। मैच के बाद हरमनप्रीत ने अपनी प्लेयर ऑफ द मैच ट्रॉफी क्रांति के साथ साझा की। क्रांति ने इंग्लैंड की ओपनिंग बल्लेबाज टैमी ब्यूमॉन्ट और एमी जोन्स को पवेलियन भेजकर शुरुआत में ही टीम को बढ़त दिला दी और फिर अंतिम ओवरों में लॉरेन बेल को आउट कर मैच को भारत की झोली में डाल दिया।

क्रांति साधारण आर्थिक पृष्ठभूमि से

क्रांति गौड़ बुंदेलखंड अंचल के छतरपुर जिले के घुवारा कस्बे की रहने वाली हैं। 11 अगस्त 2003 को जन्मी क्रांति साधारण आर्थिक पृष्ठभूमि से आती हैं। उनके पिता ने मुश्किल हालात में भी उनका क्रिकेट के प्रति जुनून बनाए रखा और कोचिंग दिलाई। बड़े भाई मयंक सिंह उनके सबसे बड़े प्रेरक रहे। टेनिस-बॉल क्रिकेट से शुरुआत करने वाली क्रांति ने 14 साल की उम्र में लेदर बॉल क्रिकेट खेलना शुरू किया था और आज अपने हुनर से पूरे देश में नाम कमा रही हैं।