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सर्दियों में बच्चों व बुजुर्गों को निमोनिया का खतरा ज्यादा, मेडिसिन विशेषज्ञ बोले- इलाज में देरी हो जाती है खतरनाक

खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह मौसम संक्रमणों के लिहाज से संवेदनशील होता है। इनमें सबसे आम और गंभीर बीमारी है निमोनिया।

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dr shrad mishra

डॉ. शरद मिश्रा

ठंड के मौसम में बदलते तापमान के साथ ही बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह मौसम संक्रमणों के लिहाज से संवेदनशील होता है। इनमें सबसे आम और गंभीर बीमारी है निमोनिया। इस पर विस्तार से बातचीत की छतरपुर के जिला अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. शरद मिश्रा से, जिन्होंने बताया कि कैसे थोड़ी सावधानी से इस बीमारी से बचा जा सकता है।

प्रश्न- सर्दियों में निमोनिया का खतरा क्यों बढ़ जाता है?

उत्तर- ठंडी हवा और तापमान में अचानक गिरावट के कारण श्वसन तंत्र की नलियाँ सिकुड़ जाती हैं, जिससे फेफड़ों में संक्रमण आसानी से हो जाता है। बच्चे और बुजुर्ग, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से कमजोर होती है, उनमें यह संक्रमण तेजी से फैलता है।

प्रश्न- बच्चों और बुजुर्गों में इसके लक्षण कैसे पहचानें?

उत्तर- बच्चों में तेज बुखार, सांस लेने में कठिनाई, खांसी, छाती में दर्द और लगातार रोना इसके सामान्य लक्षण हैं। बुजुर्गों में कमजोरी, ठंड लगना, खांसी के साथ बलगम या कभी-कभी बिना खांसी के भी सांस फूलना, निमोनिया के संकेत हो सकते हैं। कई बार बुजुर्गों में बुखार नहीं आता, इसलिए परिवार को सतर्क रहना चाहिए।

प्रश्न- इलाज में देरी कितनी खतरनाक हो सकती है?

उत्तर- निमोनिया एक गंभीर संक्रमण है। इलाज में देरी होने पर संक्रमण पूरे फेफड़ों में फैल सकता है, जिससे ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों में यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसलिए शुरुआती लक्षण दिखते ही डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।

प्रश्न- इससे बचाव के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर- सबसे जरूरी है, शरीर को ठंड से बचाना। छोटे बच्चों को बार-बार ठंडी हवा में बाहर न निकालें। बुजुर्ग लोग गर्म कपड़े पहनें और सुबह-शाम टहलने से पहले गर्म पेय लें। खानपान में सूप, अदरक, तुलसी, हल्दी और हरी सब्जियां शामिल करें। टीकाकरण भी अत्यंत जरूरी है। न्यूमोकोकल वैक्सीन और फ्लू वैक्सीन से निमोनिया का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है।

प्रश्न- क्या कोविड के बाद निमोनिया के केसों में बढ़ोतरी देखी जा रही है?

उत्तर- हां, कोविड के बाद फेफड़ों की संवेदनशीलता कुछ लोगों में बनी हुई है, जिससे निमोनिया के केस ज्यादा दिख रहे हैं। इसलिए मास्क पहनना, भीड़ से बचना और हाइजीन बनाए रखना अभी भी उतना ही जरूरी है। सर्दियों में यदि बच्चों या बुजुर्गों को लगातार खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ हो, तो इसे सामान्य जुकाम समझने की भूल न करें। तुरंत जांच और इलाज से ही निमोनिया के खतरे को टाला जा सकता है।