
Chhatarpur,Chhatarpur
छतरपुर। शहर के बस स्टैंड के पास स्थित पवित्र गायत्री सरोवर सांतरी तलैया में मंगलवार को पर्यावरण जागरुकता की अनूठी पहल की गई। गायत्री सरोवर समिति ने यहां पर हरीतालिका तीज व्रत के बाद महिलाओं द्वारा पूजन सामग्री का विसर्जन रोकने के लिए ऐसा काम किया कि तालाब भी बच गया और लोगों की भावनाएं भी प्रभावित नहीं हुईं।
गायत्री सरोवर समिति के महेंद्र अग्रवाल, गिरजा पाटकार, प्रमोद अग्रवाल पम्मी, प्रद्युम्न गुप्ता लालू और कैलाश आदि की टीम सुबह 5 बजे से गायत्री सरोवर पर पहुंच गई थी। यहां पर पहले से ही इस टीम ने तसलों में गंगा जल के साथ तालाब का जल मिलाकर घाट किनारे रख दिया था। पूजन सामग्री विसर्जन के लिए दो बड़े पात्र रखवाए और मूर्ति विसर्जन, प्रसाद और फूल डालने के लिए अलग-अलग पात्र रखे। इसके बाद तालाब आने वाले महिलाओं से आग्रह करके विसर्जन की पूरी व्यवस्था समझाई। महिलाओं को बताया गया कि वे मूर्तियों का घाट पर ले जाकर पूजन करें, दीपदान करें और मिट्टी के शिव-पार्वती को जलाशय में डुबाकर वापस से बाहर निकालकर तसले के पानी में या पीपल के पेड़ के नीचे विसर्जित कर दें। बाकी की पूजन सामग्री को अलग-अलग पात्रों में डालें। महिलाओं को यह भी बताया गया कि उनकी पूजन सामग्री को यथा सम्मान पवित्र जल में विसर्जित किया जाएगा। मौके पर ही गायों को प्रसाद और फूल-पत्ते खिलाए गए। मिट्टी की मूर्तियों को पेड़-पौधों की क्यारी में डाला गया। पॉलीथिन को भी अलग किया गया।
सुबह 5 बजे से लेकर 11 बजे तक पूरी टीम जलाशय पर ही तैनात रही और किसी को भी पूजन सामग्री तालाब में नहीं डालने दी गई। वहीं दूसरी ओर शहर के के अन्य तालाब पूजन सामग्री से पटे पड़े रहे। गौरतलब है कि पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान के तहत जलकुंभी से पटे इस जलाशय को दो महीने तक विभिन्न संगठनों की मदद से श्रमदान करके पवित्र गायत्री सरोवर बनाया गया है। यहां लगातार सफाई करके तालाब का संरक्षण भी किा जा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को पहले से ही तालाब को लोगों की अंध श्रद्धा से बचाने के लिए पहल की गई है। समिति के प्रद्युम्न गुप्ता ने बताया कि गणेश विसर्जन के समय भी समिति ऐसा ही प्रयास करेगी। तालाब किनारे कुंड की व्यवस्था करके उसमें प्रतिमा विसर्जन की योजना पर काम करेेंगे।
Published on:
03 Sept 2019 07:36 pm
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