छतरपुर. कलक्टर संदीप जीआर ने खाद्य एवं औषधि निरीक्षक अमित वर्मा को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि प्रयोगशाला की रिपोर्ट में खाद्य पदार्थ दूषित पाए जाने के तीन साल बाद भी प्रकरण न्यायालय में पेश क्यों नहीं किए गए हैं। उन्होंने खाद एवं औषधि निरीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को भेजे जाने की चेतावनी दी है।
राकेश एजेंसी पर छापा के बाद खुली पोल
20 जून को गल्ला मंडी के पास राकेश एजेंसी के गोदाम की जांच के दौरान गांजे जैसा संदिग्ध मादक पदार्थ मिलने के बाद भी एफएसओ अमित वर्मा ने कार्रवाई के नाम पर केवल औपचारिकता की है। आरोप है कि शहर के एक व्यापारी के इशारे पर अपना उल्लू सीधा करने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने राकेश एजेंसी में दबिश दी थी। आरोप ये भी है कि राकेश एजेंसी में संदिग्ध मादक पदार्थ पाए जाने पर फूड सेफ्टी ऑफिसर ने मामला रफा-दफा करने के लिए एक व्यापारी के माध्यम से सौदेबाजी की थी। इसी के चलते 6 दिन बाद दोबारा जांच होने पर गोदाम से डीवीआर और संदिग्ध मादक पदार्थ रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया था।
इनका कहना है
राकेश एजेंसी में खाद्य सुरक्षा अधिकारी के द्वारा लेनदेन कर सील गोदाम से संदिग्ध मादक पदार्थ और डीवीआर गायब किए जाने के आरोप में कलेक्टर एफएसओ को नोटिस जारी किया है। खाद्य पदार्थों के सैंपल फेल पाए जाने के तीन साल बाद भी प्रकरण कोर्ट में पेश नहीं किए जाने पर कलक्टर के यहां कार्रवाई प्रचलित है।
डॉ. लखन तिवारी, सीएमएचओ