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झूठी एफआईआर दर्ज कराने वाले फरियादी पर न्यायालय ने दर्ज कराना मामला

एफआईआर के विरुद्ध न्यायालय में असत्य कथन देने पर दर्ज कराया फरियादी पर धारा 344 दप्रस का मुकदमा

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झूठी एफआईआर दर्ज कराने वाले फरियादी पर न्यायालय ने दर्ज कराना मामला

झूठी एफआईआर दर्ज कराने वाले फरियादी पर न्यायालय ने दर्ज कराना मामला

छतरपुर। जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्देश श्रीवास्तव द्वारा एक मामले में की गई झूठी एफआईआर और असत्य कथन देने पर फरियादी प्रवीण सिंह चंदेल पिता हरदेव सिंह चंदेल निवासी ढड़ारी के विरुद्ध धारा 344 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत विविध मामला पंजीबद्ध दर्ज करते हुए यह आदेश जारी किया।द्ध जिसमें कहा है कि प्रवीण सिंह चंदेल जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में उपस्थित होकर न्यायालय में असत्य व्यान देने पर जवाब प्रस्तुत करें अन्यथा इस संबंध दंडित किया जाएगा। एडवोकेट वशिष्ठ नारायण श्रीवास्तव ने बताया कि 15 जनवरी 2017 को प्रवीण सिंह चंदेल निवासी ग्राम ढड़ारी छतरपुर ने सिटी कोतवाली में देहाती नालसी इस बात की लेख कराई थी कि वह अपने दोस्त आनंद सिंह के साथ गणेश मंदिर छतरपुर में भंडारे में गया था, 15 जनवरी को अश्विनी सक्सेना निवासी फौलादी कलम से उधारी के पैसे वापसी के संबंध में बातचीत हुई थी और बहस भी हुई थी। थोड़ी देर बाद प्रवीण सिंह के पीछे से अश्विनी और एक अन्य व्यक्ति जो चेहरे में तोलिया बांधे थे मुक्तिधाम में गेट के पास आकर पैसे की मांग करने लगे और अश्विनी ने अपनी जेब से पिस्टल निकालकर गोली चला दी और उससे प्रवीण सिंह घायल हो गया। जिसके बादआसपास के लोगों ने प्रवीण सिंह को टैक्सी में बैठकर अस्पताल ले आए। इसके पश्चात मामला जिला सत्र न्यायाधीश हर्देश श्रीवास्तव के न्यायालय में आया। मामले का अवलोकन कर व फरियादी प्रवीण सिंह के द्वारा बयान में घटना के संबंध में सत्य कथन देने पर न्यायालय द्वारा अश्विनी सक्सेना को धारा 307 भादस व धारा 25/27 आम्र्स एक्ट के अपराध से दोषमुक्त कर दिया।
वहीं जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्देश ने उक्त मामले के फरियादी को अपनी एफआईआर व मृत्यु कालीन कथन में आरोपी अश्विनी सक्सेना द्वारा घटना कारित करने बावत लेख कराया, किन्तु न्यायालय में शपथ पर दिए कथन में अपने आरोपी द्वारा कोई घटना कारित न करना लेख कराया। जिसमें पूर्ण रूप से कहीं न कहीं प्रवीण सिंह ने असत्य बयान दिए है। जिस कारण प्रवीण सिंह के विरुद्ध धारा 344 द.प्र.स का अपराध पंजीबद्ध किया।