मौसम में बदलाव और हल्की बूंदाबांदी के बाद किसानों के बीच यूरिया की मांग अचानक बढ़ गई है। मंगलवार को हरपालपुर कृषि उपज मंडी में स्थित मार्कफेड गोदाम पर यूरिया लेने के लिए किसानों की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह 5 बजे से ही किसान लाइन में लगकर टोकन मिलने का इंतजार करने लगे। लेकिन घंटों की प्रतीक्षा के बाद, दोपहर 12 बजे पुलिस बल की मौजूदगी में टोकन बांटे गए। किसानों को मुश्किल से 2 बोरी यूरिया का टोकन मिला, जबकि गोदाम में कुल एक हजार बोरी यूरिया का स्टॉक था।
किसानों ने टोकन वितरण की प्रक्रिया पर सवाल उठाया और आरोप लगाया कि दलालों को पांच-पांच टोकन दे दिए गए, जबकि किसान घंटों लाइन में खड़े रहे। कई किसानों ने नैनो यूरिया की बोतल को लेकर भी विरोध किया, क्योंकि उन्हें जबरन नैनो यूरिया देने की कोशिश की जा रही थी, जबकि वे केवल सामान्य यूरिया की मांग कर रहे थे। सरसेड़ के किसान सीता यादव ने बताया कि उन्हें सुबह 5 बजे से लाइन में खड़े रहने के बावजूद टोकन नहीं मिला। वही, अमां के किसान इंद्रेश यादव ने कहा कि उन्हें 20 बोरी यूरिया की आवश्यकता थी, लेकिन केवल दो बोरी और एक बोतल नैनो यूरिया दी गई।
2674.8 मीट्रिक टन यूरिया की रैक आई जिले में खाद की आपूर्ति को लेकर प्रशासन की कोशिशें लगातार जारी हैं। मंगलवार को हरपालपुर रेलवे स्टेशन पर 2674.8 मीट्रिक टन यूरिया की रैक पहुंची, जिसे जिले के विभिन्न गोदामों में वितरित किया जाएगा। इस रैक में से 290 एमटी छतरपुर, 100 एमटी हरपालपुर, 60 एमटी घुवारा, 300 एमटी लवकुशनगर, 300 एमटी बमीठा, 200 एमटी बिजावर, 60 एमटी बड़ामलहरा और 150 एमटी गढ़ीमलहरा के गोदामों में भेजी जाएगी। जिला विपरण अधिकारी अभिषेक जैन ने बताया कि हरपालपुर केंद्र पर खाद वितरण के दौरान कुछ दलाल लाइन में लग जाते हैं, जिससे किसानों को परेशानी होती है। इस कारण नैनो यूरिया की बोतल का वितरण किया जा रहा है, ताकि लाइन में खड़े किसान सीधे यूरिया प्राप्त कर सकें।