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मुख्य सड़कों पर खुले पड़े डीपी बॉक्स दे रहे घटनाओं को दावत

आसपास लगी कचरे की देर से आगजनी की भी रहती है आशंका, मेंटेनेंस के नाम पर हर माह भारी भरकम राशि की जा रही खर्च

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खुला बॉक्स दे रहा हादसे को दावत

खुला बॉक्स दे रहा हादसे को दावत

छतरपुर. शहर में लगाई गई डीपी के खुले बॉक्स दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं। ये बॉक्स ऐसे स्थानों पर लगे हुए हैं, जहां दिनभर चहल कदमी बनी रहती है। ऐसे में जरा सी लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता है। जब भी लाइनमैन आते हैं बॉक्स का ढक्कन खुला छोड़कर ही चले जाते हैं। दुर्घटना के डर से कोई दूसरा भी इन बॉक्स को बंद करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। बिजली कंपनी द्वारा शहर की बिजली संबंधी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रही है। जबकि मेंटेनेंस के नाम पर हर माह भारी भरकम राशि खर्च की जा रही है।

शहर के अंदर से गुजरे हाइवे के मार्ग सहित अन्य प्रमुख सड़कों के किनारे दर्जनों की संख्या में डीपी के खुले बॉक्स दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं। यहां पर मेंटेनेंस करने के बाद कर्मचारी इन्हें बंद नहीं कर रहे हैं तो कई स्थानों से बॉक्स के ढक्कन ही गायब हो चुके हैं। लेकिन ऐसे स्थानों के डीपी को कवर्ड नहीं किया गया है ऐसे में यहां पर घटना होने का डर बना रहता है और आए दिन किसी न किसी डीपी के पास व डीपी में आग लगने की घटनाएं भी आम बात हो गई है। इसके साथ ही कई बाद गोवंश इन खुले बॉक्स की चपेट में आने से झुलस जाते हैं। खुले पड़े बॉक्स के आसपास करंट के तार झूलने से कारण यहां पर कोई आम लोग ढक्कन को बंद करने की हिम्मत भी नहीं जुट पाते हैं।

हालात हैं कि बस स्टैंड के पास करीब ६ स्थानों में, इसके साथ ही महोबा व नौगांव रोड पर शहरी क्षेत्र में दर्जनों ऐसे डीपी हैं। जवाहर रोड में बैंकों के पास, तहसील के पास, अस्पताल के पास, बाजार रोड में आधा दर्जन, सागर रोड़ में ६-७ स्थान में, पन्ना रोड में ८-९ स्थान सहित अन्य कई प्रमुख सड़कों के किनारे स्थित डीपी के बॉक्स खले हैं या फिर उनमें ढक्कन ही नहीं है। इसके साथ ही गली मोहल्लों में भी यही हाल है।

आसपास के रहवासियों की माने तो बच्चे भी कई बार इसके खेलते हुए खुले बॉक्स के पास पहुंच जाते हैं। इयकी शिकायत के बाद भी बिजली कंपनी बॉक्स को बंद नहीं करती।

विद्युत वितरण कंपनी है जिम्मेदार

खुले हुए बॉक्स के कारण हादसे का अंदेशा है। इसकी जिम्मेदार बिजली कंपनी ही है। शिकायत के बाद भी डीपी के खुले बॉक्स को बंद नहीं किया जा रहा। लोगों का कहना है कि कई बार डीपी के खुले बॉक्सों की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। इनमें कई बाद घटनाएं भी हो चुकीं हैं।

जाली लगाए जाने की योजना बंद

शहर में करीब ३०० ट्रांसफार्मर ऐसे हैं जहां हर वक्त खतरा रहता है। इन पर कंडक्टर खुले हुए हैं, जो हादसे को न्योता दे रहे हैं। इन ट्रांसफार्मरों को सुरक्षित करने के लिए विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जाली लगाए जाने की योजना बनाई गई थी। इस दौरान कुछ ट्रांसफार्मरों पर जाली लगाई भी गई, लेकिन इसके बाद योजना बंद कर दी गई।