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अमृत योजना 2.0 का डीपीआर तैयार,मंजूरी के लिए भोपाल भेजा गया

3 करोड़ खर्च कर सुधरेगी शहर के चार तालाबों की सूरत

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किशोर सागर तालाब

किशोर सागर तालाब

छतरपुर. शहर के तालाबों की सूरत बदलने के लिए अमृत योजना 2.0 बनाई जा रही है। इस फेज में शहर के किशोर सागर, ग्वाल मंगरा, प्रताप सागर और संकट मोचन तालाब का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। योजना का डीपीआर गुजरात की मार्स कंपनी ने तैयार किया है। 3 करोड़ की लागत से सौंदर्यीकरण की योजना का डीपीआर मंजूरी के लिए भोपाल भेजा गया है। जहां से अनुमति मिलने पर टेंडर प्रक्रिया की जाएगी।

पाथ वे बनेगा
शहर के किशोर सागर, ग्वाल मंगरा, प्रताप सागर और संकट मोचन तालाब का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। योजना के तहत सबसे पहले तालाबों से जुड़ी नालियों को डायवर्ड किया जाएगा। ताकि इनमें लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी न पहुंच सके और पानी साफ और स्वच्छ रहे। इसके बाद तालाब के किनारे पाथवे का निर्माण कर लाइटिंग कर सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाएगा।

फेज 2 में सीवर लाइन का प्रोजेक्ट भी
अमृत परियोजना 2.0 के तहत शहर के सभी 40 वार्डो में सीवर लाइन बिछाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट पर 281 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। दो साल में परियोजना का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा जाएगा। शहर के 40 वार्डो के 50 हजार घरों को सीवर लाइन से जोडऩे के साथ ही शहर के 4 अलग-अलग स्थान पर एसटीपी(सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) बनाए जाएंगे। पूरे शहर में 376 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाई जाएगी। जिससे नालियों का गंदा पानी शहर के जलस्रोतों में नहीं जाएगा। एसटीपी के जरिए पानी को रिसाइकिल किया जाएगा।

तीन चरणों में साफ होगा पानी
एसटीपी में घरों और फैक्ट्रियों के दूषित जल को साफ करने की प्रक्रिया तीन चरणों में संपन्न होगी। जिसके तहत पहले, ठोस पदार्थ को उससे अलग किया जता है, फिर जैविक पदार्थ को एक ठोस समूह एवं वातावरण के अनुकूल बनाकर इसका प्रयोग खाद एवं लाभदायक उर्वरक के रूप में किया जाता है। इसके बाद उसे प्रयोग में लाने के लिए नदी, तालाबों आदि में छोड़ दिया जाता है।