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घर घर कचरा कलेक्शन वाहन के नहीं रोकने से गाड़ी में नहीं डाल पा रहे कचरा

शिकायत के बाद भी नहीं हो रहा समाधान, अपने घरों के आसपास ही कचरा फेंकने को मजबूर हो रहवासी, रहवासी बोले चलते वाहन में कचरा डालने में होती है परेशानी

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नपा में खड़े कचरा कलेक्शन वाहन

नपा में खड़े कचरा कलेक्शन वाहन

छतरपुर. इन दिनों शहर में नियमित साफ-सफाई नहीं होने से वार्डो में गंदगी का आलम व्याप्त है। कहीं नालियां चोक है, तो कहीं नाला व नालों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। जिससे लोगों को आने-जाने में असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। हालात हैं कि कचरा कलेक्शन वाहन मुख्य रास्तों में आता है और कुछ घरों को कचरा लेकर चला जाता है, गाड़ी को आधा १ मिलट खड़ा नहीं करने से बड़ी संख्या में लोग अपने घरों का कचरा वाहन में नहीं डाल पा रहे हैं और ऐसे वह आसपास की कचरा फैकने को मजबूर हैं। जिससे आसपास गंदगी फैल रही है।

गौरतलब है कि 40 वार्डों वाले शहर की सफाई व्यवस्था में हर माह लाखों रुपए का व्यय होता है, फिर भी शहर में गंदगी फैली है। यहां स्वच्छता अभियान सिथिल पड़ा हुआ है। वार्डों और बस्तियों की नालियां मलबे से जाम हैं। बदबू से प्रदूषण और मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। किसी बस्ती में कभी फॉगिंग मशीन नहीं चलाई जाती है। इसका कारण नगर पालिका के पास संसाधनों की कमी बताया जाता है। नगर पालिका द्वारा शहर सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रुपए व्यय किए गए, लेकिन सफाई के ठोस उपाय नहीं किए गए। नगर पालिका के पास ४५० सफाई कर्मी, घर-घर कचरा संग्रहण के लिए तीन दर्जन से अधिक वाहन और कचरा उठाने के लिए ट्रैक्टर और छोटे बड़े डंपर हैं। रोजाना औसतन ७5 टन कचरा निकलता है। कचरे का उठाव एक समय केवल सुबह ही किया जाता है। इस दौरान घर घर कचरा कलेक्शन वाहनों को मोहल्लों में भेजा जाता है,लेकिन ये वाहन कहीं पर भी रुकते नहीं हैं। वाहन खड़े नहीं होने से मुख्य सड़कों के किनारे रहने वाले ही इसमें कचरा डाल पाते हैं और बाकी लोग वाहन के आने की आवाज सुन कचरा लेकर आते हैं और गाड़ी तक पहुंचने सेपहले ही गाडी चली जाती है। जिससे वह आसपास की कचरा फैक रहे हैं। वहीं कई बार गाड़ी में कचरा डालने के दौरान आधा बाहर गिर जाता है। जिससे लोगों को परेशानी होती है। इसको लेकर लोगों कने वाहन चालक से और नगर पालिका में शिकायत कर वाहन को रुकने के लिए कहा है। पर इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हो सका है। बताया जा रहा है कि इन वाहनों में हेल्पर भी नहीं होने से लोगों को दिक्कत होती है।

न कलेक्शन प्वाइंट, न कंटेनर

बस्तियों में कहीं भी कचरा डालने के लिए न तो कंटेनर रखवाए गए और न ही कलेक्शन प्वाइंट बनाए गए हैं। कंटेनर की कमी के कारण भी लोगों को कचरा फेंकने की सुविधा नहीं मिल पा रही है। यहां वार्डों के शहर में आबादी और बसाहट के अनुरूप कम से कम 150 कंटेनर आवश्यक हैं। इसके लिए नगरपालिका द्वारा प्रयास नहीं किए गए। पूर्व मेें सडकों तथा सौंदर्यीकरण के कार्य तो किए गए। लेकिन सफाई व्यवस्था की ओर ध्यान नहीं दिया गया। इसके लिए भी नगरपालिका से मांग की जाती रही लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। हनुमान टौरिया के पीछे निवासी रामगोपाल तिवारी, ओम अग्रवाल, राकेश, संदीप, सचेंद्र, नारायण, मुकेश नगायच आदि ने बताया कि सफाई के लिए लापरवाही बरती जा रही है। लगातार नगरपालिका से कहने पर भी सुनवाई नहीं होती है।

खुले मैदानों में फेंका जा रहा कचरानगर पालिका द्वारा घर-घर कचरा कलेक्शन करने के बाद शहर के बाहर कचरा प्रशंसकरण केंद्र बनाया गया था। जहां पर शहर का कचरा एकत्र कर डाला जाता था। लेकिन घर-घर कचरा कलेक्शन वाहनों के चालकों द्वारा ईधान चोरी करने के लिए एकत्र कचरे को शहर के बीचों-बीच खुले मौदानों में डंप किया जा रहा है।

बोले शहरवासी

शहर के सीताराम कॉलोनी निवासी राजेश गुप्ता, बेनीगंज मोहल्ला निवासी अफरोज, दिनेश, निजाम, परिवारी मोहल्ला से दीपक, हरि वाटिका के पीछे रहने वाले आशुतोष, नीतेश, बीड़ी कॉलोनी से भरत, राजेश आदि करीब एक दर्जन से अधिक स्थानों में रहने वाले लोगों ने बताया कि उनके मोहल्ले में कचरा लेने के लिए वाहन प्रतिदिन नहीं आता है। उन्होंने इसको लेकर शिकायतें भी की है। लेकिन इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है।