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राशन वितरण में सख्ती का असर, ई-केवाइसी नहीं कराने पर जिले में 15 प्रतिशत कम हो गए हितग्राही

जिले में कुल 3.94 लाख राशन कार्डधारी परिवार थे, लेकिन अप्रेल तक यह संख्या घटकर 3.32 लाख रह गई है। यानी करीब 15.5 प्रतिशत लाभार्थियों को अब इस योजना से बाहर कर दिया गया है।

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खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी कार्यालय

छतरपुर. सार्वजनिक वितरण प्रणाली योजना के तहत जरूरतमंदों को सरकार द्वारा निशुल्क राशन दिया जा रहा है, लेकिन अब इस व्यवस्था में पारदर्शिता और पात्रता सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। बीते दो महीनों में जिले के 61224 उपभोक्ताओं की राशन पर्चियां बंद कर दी गई हैं। फरवरी 2025 में जिले में कुल 3.94 लाख राशन कार्डधारी परिवार थे, लेकिन अप्रेल तक यह संख्या घटकर 3.32 लाख रह गई है। यानी करीब 15.5 प्रतिशत लाभार्थियों को अब इस योजना से बाहर कर दिया गया है।

पर्ची होगी बंद


सरकार ने यह निर्देश जारी किया है कि यदि कोई उपभोक्ता लगातार तीन माह तक राशन लेने नहीं आता है, तो उसकी खाद्यान्न पर्ची बंद कर दी जाएगी। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि योजना का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिल सके, जिन्हें वास्तव में इसकी जरूरत है। राशन न लेने वालों में ऐसे लोग शामिल हैं जो या तो लंबे समय से राशन दुकान नहीं पहुंचे या केवल साल में एक-दो बार ही राशन लेने आते हैं। इनमें से कई ऐसे भी हैं, जिन्होंने अब स्थायी रूप से दूसरे शहरों में बसावट कर ली है।

15 प्रतिशत लाभार्थियों ने नहीं कराई पुष्टि


सरकार द्वारा राशन प्रणाली को आधार आधारित डिजिटल सिस्टम से जोड़ते हुए ई-केवाइसी को अनिवार्य कर दिया गया है। जिले के समस्त उपभोक्ताओं को उचित मूल्य की दुकानों पर जाकर पीओएस मशीन से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के जरिए ई-केवाइसी कराने की सूचना दी गई थी। हालांकि, अभी भी लगभग 15 प्रतिशत लाभार्थियों ने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है। प्रशासन के अनुसार, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें लाभार्थियों की मृत्यु हो चुकी है या फिर वे जिले से बाहर चले गए हैं। कुछ परिवारों के सदस्यों के नाम अब भी पर्चियों में दर्ज हैं, लेकिन उनका कोई रिकॉर्ड पीओएस प्रणाली में सक्रिय नहीं है। इसी आधार पर संबंधित लोगों की पर्चियां बंद की जा रही हैं।

सख्त कदमों से पारदर्शिता का प्रयास


जिला खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि योजना के वास्तविक लाभार्थियों की पहचान कर अपात्रों को हटाना जरूरी है, ताकि राशन का दुरुपयोग रोका जा सके। प्रशासन इस प्रक्रिया को नियमित रूप से जारी रखेगा। साथ ही उन्होंने पात्र परिवारों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपनी ई-केवायसी पूरी कर लें, ताकि उन्हें योजना से वंचित न होना पड़े।

जनता की प्रतिक्रियाएं


इस कार्रवाई से कई ग्रामीण क्षेत्रों में हलचल मची है। कुछ लोगों ने शिकायत की है कि तकनीकी कारणों से उनकी पर्ची बंद कर दी गई, जबकि वे नियमित रूप से राशन लेते रहे हैं। ऐसे मामलों में संबंधित राशन दुकान और जनपद कार्यालय में संपर्क करने की सलाह दी गई है। जिला प्रशासन का मानना है कि यह कदम योजना की पारदर्शिता बढ़ाने और अपात्र लोगों को हटाकर जरूरतमंदों तक योजना का लाभ पहुंचाने में मददगार होगा।