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उपभोक्ताओं को लगने वाला है बिजली का झटका, दरें बढ़ाने की तैयारी में है कंपनी

बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगने वाला है। राज्य की सभी बिजली कंपनियां बिजली की दरों में वृद्धि करने की योजना बना रही हैं। कंपनियों ने राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष बिजली के दामों में 7.52 प्रतिशत की वृद्धि करने के लिए टैरिफ याचिका दायर की है

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बिजली सब स्टेशन

छतरपुर. बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगने वाला है। राज्य की सभी बिजली कंपनियां बिजली की दरों में वृद्धि करने की योजना बना रही हैं। कंपनियों ने राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष बिजली के दामों में 7.52 प्रतिशत की वृद्धि करने के लिए टैरिफ याचिका दायर की है, जिसके परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का सामना करना पड़ सकता है।

दरों में वृद्धि का प्रस्ताव


बिजली कंपनियों ने वर्ष 2025-26 के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर कर 7.52 प्रतिशत की दर से बिजली की कीमत बढ़ाने की मांग की है। इस प्रस्ताव के तहत घरेलू, कृषि, गैर-घरेलू और औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली के दाम बढ़ाने की बात की गई है। कंपनियों का कहना है कि पिछले वर्ष 4107 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, और इस घाटे की पूर्ति के लिए बिजली की दरें बढ़ानी आवश्यक हैं।

राज्य विद्युत नियामक आयोग की सुनवाई में 24 जनवरी तक दावे आपत्ति


बिजली कंपनियों द्वारा दायर टैरिफ याचिका पर राज्य विद्युत नियामक आयोग ने दावे और आपत्तियां आमंत्रित की हैं। आम जनता को 24 जनवरी 2025 तक अपनी आपत्तियां पेश करने का अवसर मिलेगा। इसके बाद, नियामक आयोग भोपाल, इंदौर और जबलपुर में 11 से 14 फरवरी तक सुनवाई करेगा। इस सुनवाई के बाद आयोग बिजली दरों को बढ़ाने पर अंतिम निर्णय लेगा और संभावना जताई जा रही है कि अप्रेल 2025 तक नई दरें लागू हो सकती हैं।

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यदि यह दरें बढ़ जाती हैं, तो प्रदेश के करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं पर इसका सीधा असर पड़ेगा। खासतौर पर किसान वर्ग, जो पहले से ही पानी की कमी और अन्य समस्याओं से जूझ रहा है, इस वृद्धि के कारण भारी आर्थिक बोझ महसूस कर सकता है। वहीं, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए भी बिजली बिल बढऩे से परिवारों का बजट प्रभावित हो सकता है। औद्योगिक क्षेत्र के लिए यह वृद्धि और भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है, क्योंकि पहले ही कई उद्योग बढ़ती लागत के कारण दबाव महसूस कर रहे हैं। बिजली दरों में वृद्धि से उद्योगों के उत्पादन खर्च में इजाफा हो सकता है, जिससे उत्पादों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।

फैक्ट फाइल


बिजली की दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए- 7.3 प्रतिशत
गैर-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए- 4.5 प्रतिशत
कृषि क्षेत्र के लिए- 8.3 प्रतिशत
औद्योगिक क्षेत्र के लिए- 8.6 प्रतिशत


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