ये कहना है किसानों का
इस बार मूंगफली की पैदावार अच्छी हुई है लेकिन ज्यादा मात्रा में मूंगफली होने के कारण उन्हें सस्ते दामों पर बेचना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष मूंगफली के दाम 5 से 6 हजार रूपए प्रति क्विंटल थे लेकिन इस बार साढ़े तीन हजार से चार हजार रूपए क्विंटल से ज्यादा में मूंगफली के कोई दाम नहीं दे रहा है।
भगवानदास, किसान
संतोष राजपूत, किसान
किशोरीलाल रैकवार, किसान
ये भी समस्याएं
बंपर पैदावार के कारण बाजार में मूंगफली की आपूर्ति अधिक हो गई है, जिससे कीमतों में गिरावट आई है। किसानों को उनकी फसल का समर्थन मूल्य मिल सके, इसके लिए सरकारी खरीद केंद्रों की आवश्यकता है, जो पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं हैं। बाजार में बिचौलियों की भूमिका के कारण किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता, और उन्हें मजबूरन सस्ते दामों पर फसल बेचनी पड़ती है। कई किसानों के पास अपनी फसल को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए भंडारण की सुविधा नहीं है, जिससे उन्हें तुरंत फसल बेचनी पड़ती है।
ये हो सकता है समाधान
किसानों की इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकार को चाहिए कि सरकारी खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि किसानों को उनकी फसल का समर्थन मूल्य मिल सके। भंडारण सुविधाएं और फसल बीमा योजनाएं प्रदान की जाएं, जिससे किसान अपनी फसल को अधिक समय तक सुरक्षित रख सकें। बिचौलियों पर नियंत्रण रखते हुए किसानों को सीधे बाजार तक पहुंचाने के लिए प्रयास किए जाएं।