19 जुलाई 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

एक-एक सप्ताह चक्कर लगाने पर भी साइबर सेल नहीं ले रही ठगी पीडितों की शिकायत, मदद करने के बजाए उन्हें भगाया जा रहा थाना

छतरपुर में साइबर क्राइम की समस्या का निदान करने वाला साइबर सेल खुद अपनी जिम्मेदारियों से पीछे भाग रहा है। सेल में रोजाना पंद्रह से बीस फरियादी अपनी समस्या लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन साइबर सेल उन्हें थानों के चक्कर कटवा रहा है।

cyber cell
साइबर सेल

साइबर क्राइम तेजी से बढ़ता हुआ अपराध है और यह बगैर छीनाझपटी के लोगों को वित्तीय हानि पहुंचाता है। सरकार ने साइबर क्राइम को बड़ी चुनौती मानते हुए सजग रहने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इतना ही नहीं मोबाइल पर भी साइबर क्राइम से सतर्क रहने के लिए बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन की आवाज से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। छतरपुर में साइबर क्राइम की समस्या का निदान करने वाला साइबर सेल खुद अपनी जिम्मेदारियों से पीछे भाग रहा है। सेल में रोजाना पंद्रह से बीस फरियादी अपनी समस्या लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन साइबर सेल उन्हें थानों के चक्कर कटवा रहा है।

इस मामले में जब पत्रिका ने सेल प्रभारी नेहा सिंह गुर्जर से बात की तो उन्होंने कहा कि हमारे पास कोई डाटा नहीं है। प्रभारी गुर्जर ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हमारे पास डाटा नहीं कि शहर में व जिले में साइबर से जुड़े कितने अपराध हो रहे हैं। अगर आपको इसकी जानकारी चाहिए तो विभिन्न थानों में जाकर संपर्क करना होगा या साइबर थाना जाना होगा। हैरानी की बात है कि जिले में ऐसा कोई थाना नहीं है। लेकिन प्रभारी वहां जाने की बात कह रही हैं।

केस-1

बिजावर के रहने वाले सूरज अहिरवार साइबर सेल में चक्कर लगाते मिले। इनके खाते से दो दिन पहले बीस हजार रुपए की राशि उड़ गई। साइबर सेल में जाने पर इन्हें संबंधित थाना में शिकायत दर्ज करने को कहा गया। सूरज का कहना है कि तीन दिन से वे यहां से वहां घूम रहे हैं, लेकिन अभी तक मेरी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा।

केस-2

सिंचाई कॉलोनी निवासी अंकित पटेल सेल्समैन हैं और एक सप्ताह पहले उनके वाट्सएप को हैक कर लिया गया और उनके नंबर से अंजान लिंक शेयर की जा रही है जिस पर क्लिक करते ही लोगों की राशि कटने की संभावना है। अंकित भी चार दिनों से साइबर सेल के चक्कर लगा रहे हैं। सेल में बैठे अधिकारी उन्हें एसपी कार्यालय में जाने की नसीहत दे रहे हैं।

केस-3

चौबे कॉलोनी की अलीशा कुरैशी के यूपीआई से पंद्रह हजार रुपए की राशि गायब हुई। साइबर सेल में जाने पर उन्हें बताया गया कि संबंधित थाने में शिकायत के बाद ही मामले की जांच की जाएगी। ऐसे में अलीशा अपनी फरियाद लेकर इधर से उधर भटक रही हैं।

पोर्टल पर पंजीबद्ध नहीं शहर

साइबर सेल पर कितने अपराध हो रहे हैं इसके लिए नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल एनसीसीआरपी पर डाटा शेयर किया जाता है। मगर छतरपुर जिले से जुड़े मामले यहां पर पंजीबद्ध नहीं है। जबकि रोजाना जिले भर में सैकड़ों मामले आ रहे हैं। यह पोर्टल देशभर में होने वाली साइबर गतिविधियों पर नजर रखता है।सौ फीसदी मामले दर्ज करने में मध्यप्रदेश पीछेदेश भर में साइबर क्राइम से जुड़े अपराध को दर्ज करने में मध्यप्रदेश बहुत पीछे है। केवल तेलंगाना ऐसा राज्य है जहां सौ फीसदी मामले दर्ज हैं। साइबर अपराध होने के बाद लोग नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल एनसीसीआरपी-1930 पर शिकायत दर्ज कराते हैं। मध्यप्रदेश में लोग थानों में जाकर शिकायत दर्ज कराते हैं, लेकिन थानों में जो प्राथमिकी होती है वह एनसीसीआरपी पर दर्ज होती है। मगर यहां एनसीसीआरपी पर शिकायत दर्ज करने वालों की संख्या न के बराबर है जिससे ऑनलाइन शिकायत की कोई एफआइआर नहीं होती, जिस वजह से एमपी का नाम इस पोर्टल पर काफी पीछे है। तेलंगाना ही एक ऐसा राज्य है जहां एनसीसीआरपी पर शिकायत दर्ज करते ही वह वहां के संबंधित थानों में प्राथमिकी में तब्दील हो जाती है। ऐसा एनसीसीआरपी पोर्टल का सीसीटीएनएस के साथ इंटीग्रेट होने के कारण होता है। यह सुविधा अभी मध्यप्रदेश में डवलप नहीं की गई है।

इनका कहना है

साइबर से जुड़े मामलों का रिकॉर्ड साइबर थाना में होता है। छतरपुर में साइबर थाना प्रस्तावित है। हमारे पास अपराध संबंधी कोई डाटा नहीं है।

नेहा सिंह गुर्जर, प्रभारी साइबर सेल