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खाद संकट ने पूरे जिले को जकड़ा: छतरपुर-हरपालपुर दो जगहों पर फूटा गुस्सा, सडक़ों पर उमड़ी नाराजगी

किसानों ने कृषि उपज मंडी सटई रोड पर एक घंटे से अधिक समय तक जाम लगाया, वहीं हरपालपुर में किसानों को यूरिया के लिए चार किलोमीटर तक इधर-उधर भटकाया गया, जिससे हालात पूरी तरह बेकाबू हो गए।

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खाद न मिलने से नाराज किसानों ने किया प्रदर्शन

रबी सीजन के बीच खाद संकट ने जिले के अन्नदाताओं की कमर तोडकऱ रख दी है। शुक्रवार को छतरपुर और हरपालपुर दोनों स्थानों पर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। छतरपुर में जहां किसानों ने कृषि उपज मंडी सटई रोड पर एक घंटे से अधिक समय तक जाम लगाया, वहीं हरपालपुर में किसानों को यूरिया के लिए चार किलोमीटर तक इधर-उधर भटकाया गया, जिससे हालात पूरी तरह बेकाबू हो गए। किसानों का कहना है कि खाद के लिए रोज लाइनें लगाना अब मजबूरी बन गया है, जबकि प्रशासन व्यवस्था संभालने में पूरी तरह नाकाम है।

सटई रोड पर जाम- कई दिनों से खाद ना मिलने पर भडक़े किसान

शुक्रवार सुबह छतरपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र की कृषि उपज मंडी में अचानक किसानों की भीड़ उमड़ी और देखते ही देखते सटई रोड पर जाम लग गया। किसानों का कहना था कि कई दिनों से खाद के लिए लंबी लाइनें लग रही हैं। मार्कफेड और सहकारी समितियों में पर्याप्त स्टॉक नहीं है। वितरण प्रणाली अव्यवस्थित, अफसर मौके पर नहीं आते हैं। खेत बोने का समय निकल रहा है, फसल प्रभावित होने का डर किसानों को सता रहा है।स्थानीय किसानों ने प्रशासन और कृषि विभाग पर उदासीनता और गैरजिम्मेदार रवैये का आरोप लगाया। कई किसानों ने कहा कि रोज आओ- लाइन लगाओ- खाली वापस जाओ, जैसी स्थिति देख रहे हैं। जाम की सूचना मिलते ही सिविल लाइन पुलिस मौके पर पहुंची। दोपहर तक समझाइश के बाद जाम खोला गया। किसानों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो आंदोलन और उग्र होगा।

हरपालपुर में सुबह 5 बजे पहुंचे किसान, 4 किलोमीटर दूरे थाने में बांटे गए टोकन

छतरपुर में हंगामा शांत भी नहीं हुआ था कि हरपालपुर से और भी गंभीर हालात सामने आए। यहां किसानों को मार्कफेड गोदाम की बजाय चार किलोमीटर दूर थाने से टोकन दिए गए, जिससे हजारों किसान घंटों भटकते रहे। सुबह 5 बजे किसान मार्कफेड गोदाम पहुंचे थे, लेकिन वहां बताया गया कि टोकन थाने से मिलेंगे। इसके बाद जो किसान पहले पहुंचे थे, उनमें से कई टोकन के बिना ही लौटने को मजबूर हो गए।

700 बोरी स्टॉक—पर बांटे सिर्फ 550 टोकन

- मार्कफेड गोदाम में 700 बोरी यूरिया- किसानों की भीड़ हजारों

- वितरित टोकन सिर्फ 550-एक किसान को मिलेंगी सिर्फ एक बोरी

हजारों की भीड़ में एक बोरी से किसान की जरूरतें पूरी होना लगभग असंभव था। कई किसान पैदल आए थे, जिन्हें 4 किलोमीटर का चक्कर लगवाया गया, फिर भी टोकन नहीं मिला।

पूरा दिन दौड़े, भूखे-प्यासे खड़े रहे पर खाद नहीं मिली

किसानों ने बताया कि सुबह से शाम हो गई, लेकिन सिस्टम की अव्यवस्था के कारण खाद भी हासिल नहीं कर पाए।भीड़ इतना बढ़ी कि वृद्ध किसान सडक़ किनारे बैठकर आराम करते दिखे। कई किसानों को पानी भोजन तक नसीब नहीं हुआ। गांवों से आए किसानों के जानवर बिना चारा-पानी के रह गए।

प्रशासन का तर्क—भीड़ अधिक थी, सुरक्षा पहले

थाना प्रभारी संजय राय ने कहा कि भीड़ ज्यादा होने पर सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए टोकन थाने से दिए गए। हालांकि किसानों का कहना है कि यह व्यवस्था नहीं, प्रशासन की असफलता है।

कुल मिलाकर—जिले में खाद संकट खतरनाक मोड़ पर

छतरपुर में जहां सडक़ों पर जाम लगा, वहीं हरपालपुर में किसानों को थाने- गोदाम की मैराथन दौड़ लगानी पड़ी। अन्नदाताओं की नाराजग़ी लगातार बढ़ रही है और प्रशासन की तरफ से अब तक कोई स्थायी समाधान सामने नहीं आया है। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर खाद उपलब्धता तुरंत सामान्य नहीं हुई, तो आंदोलन जिलेभर में फैल जाएगा।

मंडी में खाद खत्म

सूचना मिलने पर एसडीएम और तहसीलदार मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाकर जाम खुलवाया। छतरपुर एसडीएम अखिल राठौर ने बताया कि मंडी में खाद खत्म हो गया है और कल शनिवार सुबह तक नई खेप आने की संभावना है।

बाजार में यूरिया 500 में मिल रहा

किसानों ने आरोप लगाया कि 267 रुपए की खाद की बोरी बाजार में 500 रुपए में बेची जा रही है। शुक्रवार सुबह सटई से कुछ वीडियो भी सामने आए, जिनमें खाद की कालाबाजारी के आरोप लगाए गए हैं। रामगढ़ निवासी अज्जू शिवहरे ने भी बताया कि किसानों को समय पर खाद उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, वहीं बाजार में 500 से 600 रुपए प्रति बोरी बेची जा रही है।


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