अवैध रूप से चलाए जा रहे थे क्लीनिक बीएमओ डॉ. बमौरिया, प्रभारी तहसीलदार धीरज गौतम एवं राजनगर पुलिस बल के साथ इन दोनों गांवों में पहुंचे। ग्राम तालगांव में लाले पटेल के मकान में और ग्राम बम्होरी बहादुरजू में बाबूलाल पटेल के मकान में ये अवैध क्लीनिक संचालित पाए गए। निरीक्षण के दौरान जब संबंधित व्यक्तियों से क्लीनिक संचालन के दस्तावेज मांगे गए, तो वे कोई वैध प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके। इसके चलते मौके पर ही बड़ी मात्रा में मौजूद दवाओं, उपकरणों और अन्य सामग्री को जब्त कर क्लीनिकों को सील कर दिया गया। साथ ही, पंचनामा बनवाकर विधिवत दस्तावेजीकरण भी किया गया।
11 सदस्यीय जांच समिति गठित इस मामले की गहराई से जांच हेतु 11 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया, जिसमें बीएमओ डॉ. बमौरिया के साथ-साथ एसडीएम प्रशांत अग्रवाल, एसडीओपी नवीन दुबे, तहसीलदार धीरज गौतम, एएमओ डॉ. नीरजा तिवारी, एचएमओ डॉ. उमेश मिश्रा, आरबीएसकेएमओ डॉ. नितिन चौबे, सीएचओ डॉ. अतुल गुप्ता, फार्मासिस्ट अनुज यादव, डीईओ चंदन चतुर्वेदी तथा बीईई एमएल परते शामिल थे।समिति द्वारा की गई जांच में को दोनों आरोपियों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों को फर्जी और अप्रमाणिक पाया गया। इन तथ्यों के आधार पर बीएमओ डॉ. बमौरिया ने इनके विरुद्ध मध्यप्रदेश उपचार्यगृह तथा रजोपचार्य अधिनियम 1973 (संशोधित 2008) की धारा 3 एवं मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम 1956 एवं 1958 की धारा 24 के तहत एफआईआर दर्ज करवाई है।
बी-फार्मा की डिग्री लेकर कर रहा था इलाज शुक्रवार को बड़ामलहरा एसडीएम आयुष जैन ने घुवारा नगर में संचालितप डॉक्टर यासीन शाह की क्लीनिक पर छापा मारा और उसे तत्काल सील कर दिया। शिकायत मिली थी कि यासीन शाह केवल बी-फार्मा डिग्रीधारी है, जो केवल मेडिकल स्टोर संचालन के लिए मान्य होती है। बावजूद इसके वह वर्षों से खुद को डॉक्टर बताकर मरीजों का इलाज कर रहा था। ना उसके पास डॉक्टरी की डिग्री थी, ना पंजीयन। क्लीनिक पर आने वाले मरीजों को बिना परीक्षण गंभीर बीमारियों की दवाएं दी जाती थीं। मौके पर पहुंचे एसडीएम ने क्लीनिक को सील कर आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए पत्र भेजा है।
25 से अधिक झोलाछाप क्लीनिक बंद एसडीएम की छापामार कार्रवाई की खबर पूरे नगर में जंगल की आग की तरह फैल गई। नतीजतन, 25 से अधिक फर्जी क्लीनिकों के शटर गिरा दिए गए, बोर्ड उतार दिए गए और कथित डॉक्टर फरार हो गए। कई जगह तो दवाएं और रजिस्टर मौके पर ही छोड़ दिए गए।
इनका कहना है बिना डिग्री और रजिस्ट्रेशन के चिकित्सा सेवा देना अपराध है। ऐसे लोगों पर अब सीधे एफआईआर और जेल की कार्रवाई होगी। यह सिर्फ शुरुआत है। आने वाले दिनों में हर गांव और कस्बे में जांच होगी।
आयुष जैन, एसडीएम, बड़ामलहरा घुवारा नगर ही नहीं, आसपास के सभी गांवों में भी अभियान तेज किया जाएगा। जनता से अपील है कि ऐसे फर्जी क्लीनिक की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें। कपिल शर्मा, तहसीलदार, घुवारा