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ई-केवाइसी प्रक्रिया से सामने आया राशन वितरण में फर्जीवाड़ा, 15 हजार अपात्र उपभोक्ता बेनकाब

2 लाख 46 हजार उपभोक्ताओं की ई-केवाइसी अभी भी पेंडिंग है, जो राशन प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाए हैं। ई-केवाइसी में पेंडिंग रहने वाले उपभोक्ताओं में से 7 हजार ऐसे परिवार हैं, जिन्होंने 12 राज्यों में राशन लेने की जानकारी दी है

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खाद्य एंव आपूर्ति विभाग कार्यालय

छतरपुर. जिले में उपभोक्ताओं की आधार बेस्ड ई-केवाइसी प्रक्रिया के बाद राशन वितरण में फर्जीवाड़ा सामने आने लगा है। ई-केवाईसी के जरिए राशन के पात्र और अपात्र उपभोक्ताओं की पहचान हो रही है, जिसके चलते साढ़े 15 हजार अपात्र उपभोक्ताओं के नाम राशन सूची से हटा दिए गए हैं। अब इन अपात्र उपभोक्ताओं को मई माह का राशन नहीं मिलेगा।



ई-केवाइसी नहीं तो राशन नहीं


जिला आपूर्ति अधिकारी (डीएसओ) के अनुसार, जिले में लगभग 83 प्रतिशत उपभोक्ताओं की ई-केवाइसी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। हालांकि, 2 लाख 46 हजार उपभोक्ताओं की ई-केवाइसी अभी भी पेंडिंग है, जो राशन प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाए हैं। ई-केवाइसी में पेंडिंग रहने वाले उपभोक्ताओं में से 7 हजार ऐसे परिवार हैं, जिन्होंने 12 राज्यों में राशन लेने की जानकारी दी है, जो कि वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत किया जा रहा था। इन परिवारों के राशन कार्ड की ई-केवाइसी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है, जिसके कारण उनका राशन इस माह बंद कर दिया गया है।

मई माह का नहीं मिलेगा राशन


ई-केवाइसी प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी के अनुसार, जिले के विभिन्न उपभोक्ता गोवा, दमन दीव, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों में राशन ले रहे हैं। इन उपभोक्ताओं का राशन तभी मिलेगा जब उनकी ई-केवाइसी पूरी होगी। डीएसओ का कहना है कि जिन उपभोक्ताओं की 30 अप्रेल तक ई-केवाइसी पूरी नहीं हुई है, उन्हें मई माह में खाद्यान्न नहीं मिलेगा।

पीडीएस को पारदर्शी बनाने के लिए ई-केवाइसी


देशभर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को पारदर्शी और कारगर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। अब सभी राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाइसी प्रक्रिया अनिवार्य कर दी गई है। इसका उद्देश्य असल लाभार्थियों को ही सब्सिडी का फायदा पहुंचाना और फर्जीवाड़ा को रोकना है। सरकार ने इसके लिए 31 मार्च तक का समय निर्धारित किया था, लेकिन कई उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे उपभोक्ताओं को राशन की सुविधा से वंचित किया जा सकता है।

आधार से राशन कार्ड लिंक किया


ई-केवाइसी प्रक्रिया के तहत राशन कार्ड को आधार से लिंक किया जाता है और इसके माध्यम से उपभोक्ताओं के विवरण की पुष्टि की जाती है। यदि कोई उपभोक्ता इस प्रक्रिया को समय पर पूरा नहीं करता है, तो उनका राशन कार्ड अस्थायी रूप से निलंबित हो सकता है और उन्हें सरकारी अनाज की सुविधा से वंचित किया जा सकता है।

जिले में राशन उपभोक्ताओं की स्थिति

जिले में राशन के उपभोक्ताओं की संख्या कुल 14 लाख 29 हजार 488 है। इनमें से 11 लाख 82 हजार 747 उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है, जबकि 2 लाख 46 हजार 741 उपभोक्ताओं की ई-केवाइसी पेंडिंग है। अब तक 82.74 प्रतिशत उपभोक्ताओं की ई-केवाइसी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जिले में सबसे अधिक राशन उपभोक्ता छतरपुर और राजनगर तहसील में पाए गए हैं। इसके बाद बड़ामलहरा, गौरिहार और बिजावर में भी बड़ी संख्या में राशन उपभोक्ता हैं। लवकुशनगर में उपभोक्ताओं की संख्या 5वें स्थान पर है, जबकि सटई और हरपालपुर में सबसे कम उपभोक्ता राशन ले रहे हैं।

ई-केवाइसी का कार्य जल्द पूर्ण होगा

जिले में ई-केवाइसी प्रक्रिया का कार्य शीघ्र ही पूरा हो जाएगा। हालांकि, 7 हजार राशन कार्ड धारियों के बाहर होने के कारण ई-केवाइसी में समस्या आई है। डीएसओ सीताराम कोठारे ने बताया कि इस समस्या का समाधान जल्द किया जाएगा और ई-केवाइसी प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। यह कदम राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए उठाया गया है, ताकि केवल पात्र लाभार्थियों को ही राशन की सुविधा मिल सके और फर्जीवाड़े को रोका जा सके।