छतरपुर. ग्रामीण इलाकों में कचरे को एकत्र कर गांव के बाहर डाला जा रहा है और उसमें आग लगाई जा रही है। जिससे इस मौसम में चल रही हवाओं से आसपास के खेतों और मकानों तक आग पहुंचने की आशंका बन रही हैं। ऐसे में न तो स्थानीय लोग ध्यान दे रहे हैं और न ही पंचायत की ओर से ध्यान दिया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायतों की ओर से गांव के बाहर कचरा घर बनवाए गए हैं जहां पर गांव के लोग कचरा एकत्र कर रहे हैं, साथ ही सफाईकर्मी सफाई के बाद कचरा इसी में डालते हैं। लेकिन इसके साथ ही इनके आसपास भी भारी मात्रा में कचरा फैका जा रहा है और कचरे में आग लगाई जा रही है। जिससे गर्मियों के मौसम में हवाओं से आग उड़कर आसपास के खेतों और घरों तक पहुंचने की आशंका बनी रहती है। लेकिन इसको लेकर प तो आसपास के रहने वाले ध्यान दे रहे हैं और न ही पंचयात की ओर से ध्यान दिया जा रहा है। कचरा घर व खुले में पड़े कचरे में जल रही आग कई घंटों तक जलती रहती है और हवाओं से आसपास उड़ती रहती है। धमौरा गांव निवासी बालकिशन अहिरवार, रविंद्र अहिरवार, खेमराज कुशवाहा ने बताया कि उसके गांव के बाहर बने कचरा घर के पास में ही खेत लगे हैं और पास में ही लोगों के घर हैं। ऐसे में कचरे में लगी आग दो तीन दिनों तक धीरे-धीरे सुलगती रहती है। ऐसे में खेतों में पहुंचने और घरों तक आने का डर बना रहता है। वहीं गांव के अन्य लोग आग को बुझाने भी नहीं देते हैं। वहीं धमौरा के साथ ही देवपुर, मऊसहानियां, धौरी में अभी कचरे को जलाया जा रहा है।
हो चुकी हैं घटनाएं
बीते वर्ष नौगांव थाना क्षेत्र के कीरतपुरा, पुरवा, ईशानगर थाना के आमखेरा, पहाडग़ांव, मातगुवां थाना क्षेत्र के परा ओरछा रोड थाना क्षेत्र के कालापानी गांव के बाहर स्थित कचरों में आग होने से आसपास के घर व खेतों में पहुंच गई थी। इस दौरान पुरवा में जानवरों का घर भी इससे जलकर खाक हो गया था। इसके बाद भी ग्रामीण इसको लेकर सजग नहीं हैं।