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मोबाइल की लत से दूर होकर गांधी आश्रम में बच्चे तराश रहे अपना हुनर

अभिभावक खुश हैं कि गर्मियों की छुट्टी में भी बच्चे सुबह से उठकर रचनात्मक कार्यों में व्यस्त हैं और मोबाइल, टीवी आदि से दूरी बनी हुई है।

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शिविर में पेंटिंग का हुनर निखारते बच्चे

छतरपुर. शहर के गांधी आश्रम में इन दिनों बच्चे कलाओं में भरपूर रुचि दिखाते हुए अपने समय का कलात्मक सदुपयोग कर रहे हैं सुबह 6 बजे से शुरू होने वाली चार घंटे की कक्षाएं भी उनके जोश के आगे कम नजर आती हैं।अभिभावक खुश हैं कि गर्मियों की छुट्टी में भी बच्चे सुबह से उठकर रचनात्मक कार्यों में व्यस्त हैं और मोबाइल, टीवी आदि से दूरी बनी हुई है।

आकृतियों को जीवंत करने की क्लास

गांधी आश्रम की सचिव दमयंती पाणी ने बताया कि गांधी आश्रम, इप्टा छतरपुर और शंखनाद नाट्य मंच के साथ यह शिविर लगातार आगे बढ़ रहा है।कृष्णकांत मिश्रा ने बताया कि शिविर में सुबह से बच्चों को हल्के फुल्के व्यायाम और योगाभ्यास राजेश कुशवाहा और मेरे द्वारा कराए जाते हैं इसके बाद ड्राइंग,क्राफ्ट में लोकेश पुष्पकार,अंकित पाल,अनामिका कुशवाहा, सोमिल गोस्वामी, अदिति सुहाने, यश सोनी की बड़ी टीम बच्चों को उम्र के हिसाब से बांटकर उनके रंग में रंग जाती है और मनचाहे आकार, आकृतियों को जीवंत करने की क्लास चलती है।

संगीत क्लास में संस्कार गीत सीख रहे बच्चे


बाल रंग शिविर में इस बार बच्चों को संगीत के प्रारंभिक अभ्यास के बाद बुंदेलखंड की लोक संस्कृति से जुड़े लोकगीतों से परिचित कराया जा रहा है। बच्चे सामूहिक रूप से बड़े मनोयोग के साथ महेंद्र तिवारी सर के साथ अभ्यास करते देखे जा सकते हैं।कार्यक्रम के समापन पर इन संस्कार गीतों की मनमोहक प्रस्तुति भी देखने को मिलेगी। आधे घंटे के ब्रेक के बाद बच्चे नाश्ता करके फिर से चार्ज हो जाते हैं। फिर वे मेधा बुधौलिया,शिल्पा रैकवार और अंजली तिवारी के इशारों और संगीत की अलग अलग धुनों पर थिरकते नजर आते हैं।

बकरी नाटक का होगा मंचन


आयोजन समिति के अभिदीप सुहाने ने बताया कि इस बार सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के नाटक बकरी का मंचन बच्चों द्वारा किया जाएगा।इस नाटक में हिन्दी और बुंदेली दोनों भाषाओं का प्रयोग किया गया है। नाटक मनोरंजन के साथ एक जबरदस्त संदेश भी देता है। अभिदीप ने बताया कि यह नाटक नवदीप पाटकार के निर्देशन में किया जाएगा जिसमें वरिष्ठ रंगकर्मी शिवेन्द्र शुक्ला का मार्गदर्शन भी मिल रहा है।