
बकस्वाहा के मझगुवां पंचायत में चल रहा मशीन से कार्य,बकस्वाहा के मझगुवां पंचायत में चल रहा मशीन से कार्य
छतरपुर. ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर मजदूर वर्ग को काम दिलाने के लिए शासन की ओर से मनरेगा योजना के तहत उन्हें कम से कम १०० दिवस का रोजगार दिलाए जाने की प्रावधान है। लेकिन जिले की अधिकतर ग्राम पंचायतों में जॉब कार्डधारी मजदूरों को काम नहीं दिलाया जा रहा है। जिससे जिले से अधिकतर मजदूरों का पलायन करने के लिए विवश हो रहे हैं। वहीं कई पंचायतों में मशीनों से काम होने की शिकायतें स्थानीय लोगों और संगठनों ने भी कलक्टर स्तर तक की हैं। लेकिन इनकी जांच के नाम पर समय लगाया जाता है और जांच में दोषी पाए जाने पर भी कार्रवाई नहीं की जाती।
ग्राम पंचायत में काम नहीं मिलने के कारण मजदूर पलायन कर रहे हैं, वहीं प्रशासन के जिम्मेदारों के द्वारा मनरेगा के तहत मशीनों से काम कराया जा रहा है और जनभागीदारी का नाम दिया जा रहा है। प्रशासन के बैठे जिम्मेदार इस तरह का काम कराने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं, जिसका परिणाम यह हो रहा है कि मजदूरों से उनकी रोजी-रोटी छिन रही है। सरकार मजदूरों को कई तरह के रोजगार उनके ही गांव में देने का वादा कर रही है। लेकिन गांवों के हालात इससे उलट हैं। जिले की जनपद पंचायत छतरपुर, बिजावर, बकस्वाहा, बडामलहरा, नौगांव, लवकुशनगर, गौरिहार और राजनगर में बैठे उपयंत्री और सहायक यंत्री की मिलीभगत से मजदूरों की रोजी-रोटी छीनी जा रही है। मजदूरी के कार्यों में अब बुलडोजर की आवाज सुनाई दे रही है। दरअसल विकासखंड भर में बन रहे तालाबों मेड़बंदी आदि कार्य को जल्दबाजी में पूरा करने के लिए अब पूरी तरह से मशीनों से कार्य कराया जाने लगा जिले की बकस्वाहा के मझगुवां घाटी, सोरई, गढ़ीसेमरा, बिजावर क्षेत्र के किशनगढ, राईपुरा, भारगुवा, पहाडग़ांव सहित कीरतपुरा, लक्षनपुरा, मऊसहानियां, ऊजरा, राजनगर क्षेत्र के पीरा सहित दर्जनों की संख्या में ग्राम पंचायतें हैं जहां पर मशीनों से मनरेगा के कार्य कराए जा रहे हैं और इसकी शिकायतें जनपद पंचायत, जिला पंचायत और कलक्टर से जनसुनवाई में की जा रही है। इसकी जांच के लिए भे अधिकारी कर रहे हैं लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई या सुधार नहीं किया गया है। ऐसे में अभी भी कई ग्राम पंचायतों में धड़ल्ले से मशीनों से काम हो रहा है।
मशीनों के हवाले हुई मनरेगा
जिले की दर्जनों ग्राम पंचायतों में जेसीबी और बुलडोजर मशीन के जरिए हो रही तालाब की खुदाई की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। मशीनों के जरिए कार्य कराने की वजह से मनरेगा मजदूरों को खुदाई का कार्य नहीं मिल पा रहा है। यहां मनरेगा के तहत काम हो रहा है और मनरेगा के नियमों के तहत मशीनों से कार्य नहीं कराया जा सकता। वहीं जिम्मेदारों का कहना है कि निर्माण के लिए इस बार शासन ने ग्रामीण विकास विभाग के तहत मनरेगा योजना में मशीनरी उपयोग के लिए सीमित व्यवस्था की है। इसलिए अन्य योजनाओं के माध्यम से जन सहयोग और सीएसआर फंड्स को समाहित करने का फैसला लिया है।
Published on:
03 Jan 2024 05:22 pm
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