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ग्रेनाइट व क्रशर उद्योग में लौटने लगी रौनक, मिलेगा 4000 लोगों को रोजगार

कोरोना संक्रमण व कफ्र्यू के कारण बंद हो गए थे खनिज आधारित उद्योग19 ग्रेनाइट खदान, 150 क्रशर उद्योग तीन माह बाद फिर हो रहे शुरु

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मिलेगा 4000 लोगों को रोजगार

मिलेगा 4000 लोगों को रोजगार

छतरपुर। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जिले के खनिज आधारित उद्योग पुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। मजदूरों का रोजगार छिन गया और उद्योग संचालकों के सामने ईएमआइ चुकाने की समस्या खड़ी हो गई। तीन महीने से आर्थिक संकट झेल रहे खनिज आधारित उद्योग एक बार फिर पटरी पर लौटने लगे हैं। जिले की ग्रेनाइट खदानों व क्रशरों के दोबारा चालू होने से 4 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार का रास्ता खुल गया है। जिले में खनिज अधारित उद्योग रोजगार का प्रमुख साधन है। इन उद्योगों में कार्यरत ज्यादातर मजदूर अन्य राज्यों व जिलों के हैं, जो कोरोना कफ्र्यू के दौरान अपने जिलों में वापस चले गए हैं। ऐसे में खनिज आधारित उद्योगों में स्थानीय लोगों के रोजगार की संभावनाएं बढ़ गई है। जिले में करीब 150 स्टोन क्रशर, 19 ग्रेनाइट खनन उद्योग हैं, जहां कुशल और अकुशल श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर अब उपलब्ध हो रहे हैं।

क्रेशर उद्योग में 2000 से ज्यादा को रोजगार
जिले के क्रशर हब प्रकाशबम्हौरी समेत जिले में करीब 150 क्रशर उद्योग संचालित हैं। इन क्रशर उद्योगों में अन्य राज्यों के मजदूरों का दल ठेका लेकर काम करता है। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते बाहर के रहवासी मजदूरों के ज्यादातर दल अपने गांव-घर लौट गए हैं। ऐसे में क्रशर उद्योग को मजदूरों की जरूरत है। एक क्रशर पर आमतौर पर 20 लोग रोजगार पाते हैं, ऐसे में 150 क्रशर पर 3000 लोगों को रोजगार दिए जाने की संभावना है। तीन महीने से बंद इन उद्योगों में अब बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा।


ग्रेनाइट खदान में 1000 लोगों को मिलेगा रोजगार
जिले में करीब 19 ग्रेनाइट खनन इकाइंया संचालित हैं, जहां मशीनों के साथ ही मजदूरों की आवश्यकता भी होती है। इन इकाइयों में मजदूरों को काम के अवसर बढ़ गए हैं। लवकुशनगर और राजनगर ब्लॉक में संचालित ग्रेनाइट खनन इकाइयों में मजदूरों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। एक इकाई में 50 से 100 लोग जुड़े हैं, ऐसे में ग्रेनाइट इकाई से ही 1000 लोगों को काम मिलेगा। इसी तरह फ्लाइऐश से बनने बाली ईट के उद्योग में भी मजदूरों को काम का अवसर है। जिले में करीब 25 यूनिट ऐसी हैं, जहां फ्लाइऐश से ईट बनाने का काम किया जा रहा है। हर यूनिट में 12 से 20 लोगों को काम मिल सकता है।


फैक्ट फाइल
ग्रेनाइट खदान - 19
क्रशर उद्योग- 150
फ्लाइऐश ब्रिक्स- 25
रोजगार के अवसर- 4000

मिलेगा रोजगार
कोरोना संक्रमण काल में खनिज आधारित उद्योग में काम बंद हो गया था। ग्रेनाइट व क्रशर उद्योग में काम काज शुरु हो रहा है। इन उद्योगों में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा।
अमित मिश्रा, खनिज अधिकारी

लॉकडाउन में सभी क्रशर प्लांट बंद हो गए थे। इससे मजदूरों का रोजगार छिन गया, कई क्रेशर उद्योग संचालक बैंकक्रप्ट होने की
कगार पर पहुंच गए हैं। लेकिन अब अनलॉक होने से उद्योग व जिंदगी पटरी पर लौटने की उम्मीद बढ़ गई है।
मनोज मिश्रा, अध्यक्ष क्रशर संघ