
दुर्गा प्रसाद पानी पिलाते हुए
छतरपुर. दुर्गा प्रसाद सेन पिछले 34 साल से नौगांव अदालत आने वाले लोगों व वकीलों को नि:शुल्क पानी पिलाने का काम कर रहे हैं। 84 साल की उम्र में हाथ कांपने लगे हैं, लेकिन आत्म संतुष्टि के लिए आज भी अपना काम पूरे साल करते हैं। लोगों को पानी पिलाने के बदले इन्हें कोई मेहनताना नहीं मिलता है। मिलता है, तो सिर्फ इस बात का सकू न कि, उन्होंने किसी प्यासे की प्यास बुझाई है। दौनी गांव के निवासी दुर्गा रोजगार की तलाश में गांव से निकलकर नौगांव आए थे। अदालत परिसर में चाय की दुकान खोली। दुकान खूब चलती थी, लेकिन अदालत परिसर में पानी के साधन के नाम पर केवल एक कुआं था, लोग प्यास से भटकते तो दुर्गा प्रसाद उन्हें पानी पिलाते, लोगों की प्यास बुझती तो दुर्गा को आत्म संतुष्टि मिलती। इसी आत्म संतुष्टि के लिए दुर्गा ने चाय की दुकान बंद कर लोगों को निशुल्क पानी पिलाने का काम 34 साल पहले शुरु किया। परोपकार का ये सिलसिला आज भी जारी है, भले ही उम्र के कारण शरीर में कंपन होने लगा है।
धार्मिक क्रियाकलापों और भगवान में विश्वास रखने वाले दुर्गा हर अमावस्या को चित्रकूट जाते हैं। वहां कामतानाथ की परिक्रमा करने आने वाले लोगों को पानी पिलाने का काम करते हैं। चित्रकूट से लौटते तो नौगांव अदालत में लोगों को पानी पिलाने का काम करने लगते। मौसम गर्मी का हो या सर्दी, बारिश का दुर्गा हर मौसम में प्यासे लोगों को पानी पिलाने का काम करते हैं। पिछले 34 साल में शायद ही ऐसा दिन बीता हो जिस दिन दुर्गा ने अपने काम से छुट्टी ली हो। चार बच्चों के पिता दुर्गा निशुल्क पानी पिलाते, लेकिन उनके बच्चे अपने परिवार के साथ अलग रहते हैं। ऐसे में उनका खर्च चलाने के लिए अदालत के वकील स्वेच्छा से कभी-कभी मदद कर दिया करते हैं। जिससे उनका गुजारा हो जाता है।
34 साल पहले जब दुर्गा अदालत आए तो, उस समय परिसर में एक कुआ ही पानी का साधन था। दुर्गा मई-जून की तपती गर्मी में भी कुएं से पानी खींचते और लोगों की प्यास बुझाते थे। समय के साथ सुविधाएं बढ़ी और अदालत परिसर में पानी के अन्य साधन भी बने, आजकर वकीलों के पास आरओ वाटर की केन आती है। लेकिन फिर भी दुर्गा सभी को पानी पिलाने उनके पास जरुर जाते। आरओ का पानी पीने वाले भी उनके स्नेह को देखते हुए कभी मना नहीं करते, उनका दिया पानी जरुर पीते हैं।
नौगांव अदालत परिसर में करीब 29 हरेभरे पेड़ लगे हुए हैं। ये पेड़ दुर्गा ने ही लगाए थे। हर साल एक पौधा लगाते और उन्हें पानी देते। उनका दिन लोगों को पानी पिलाने और पौधों व पेड़ों को पानी देने में ही गुजर जाता है। दुर्गा की मेहनत का ही नतीजा है, कि अदालत परिसर हरा-भरा है। गर्मी में लोगों को पेड़ों की छाया मिलती और प्यास लगने पर दुर्गा का पानी भी मिलता है।
वकील हेमंत पाडेण्य का कहना है कि दुर्गा प्रसाद पिछले 34 साल से वकीलों, पक्षकारों को उनके पास जाकर पानी पिलाते, पानी पिलाने का तरीका भी इतना आत्मीय होता है, कि हर कोई उनके आते ही अपने हाथ आगे बढ़ा देता है। वकील हेमंत पाठक का कहते हैं, कि अदालत परिसर में जितने भी पेड़ है, वे सभी दुर्गा प्रसाद के लगाए हुए हैं। निशुल्क पानी पिलाने का काम बिना रुक 34 साल से कर रहे हैं। उनके पास आमदनी का साधन नहीं है, लेकिन फिर भी निशुल्क पानी ही पिलाते हैं।
Published on:
13 Sept 2024 10:43 am
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